Thursday, 10 April 2025

साइबरनेटिक लक्ष्य केंद्रित हुनर ..फीडबैक के आधार पर अपनी दिशा और गति को स्वतः सुधारता है।

साइबरनेटिक लक्ष्य केंद्रित हुनर: 5 उदाहरणों के साथ समझाया गया

परिचय:

क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ लोग किसी भी लक्ष्य को बार-बार हासिल करने में सफल क्यों होते हैं? वे हर असफलता से सीखते हैं, दोबारा कोशिश करते हैं और आखिरकार जीत जाते हैं। इसका राज़ है — "साइबरनेटिक लक्ष्य केंद्रित हुनर"।

यह एक ऐसी मानसिक प्रक्रिया है जिसमें हमारा मस्तिष्क एक ऑटो-पायलट सिस्टम की तरह कार्य करता है। यह बार-बार फीडबैक लेकर खुद को सुधारता है और हमें उस दिशा में आगे बढ़ाता है, जिस लक्ष्य पर हम फोकस करते हैं।

साइबरनेटिक सिस्टम क्या है?

"Cybernetic" शब्द ग्रीक भाषा के 'kybernetes' से आया है, जिसका अर्थ है – 'संचालक' या 'गाइड'। एक साइबरनेटिक सिस्टम वह होता है जो फीडबैक के आधार पर अपनी दिशा और गति को स्वतः सुधारता है।

उदाहरण: एक एयरप्लेन जो एक शहर से दूसरे शहर की ओर उड़ता है। रास्ते में हवा, मौसम और रुकावटें आती हैं, लेकिन उसका ऑटो-पायलट सिस्टम हर छोटे डेविएशन को पकड़ता है और प्लेन को वापस ट्रैक पर लाता है।

उसी प्रकार जब हम कोई लक्ष्य अपने दिमाग में सेट करते हैं, और उस पर निरंतर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हमारा मस्तिष्क भी उसी दिशा में खुद को ट्यून कर लेता है। इसे ही "साइबरनेटिक लक्ष्य केंद्रित हुनर" कहते हैं।


यह कैसे काम करता है?

1. लक्ष्य को स्पष्ट रूप से निर्धारित करें।
2. उस पर फोकस बनाए रखें।
3. जो भी फीडबैक या परिणाम मिले, उसका विश्लेषण करें।
4. उस आधार पर रणनीति में सुधार करें।
5. फिर से प्रयास करें — लगातार।

यह एक चक्र बन जाता है:
लक्ष्य → प्रयास → फीडबैक → सुधार → दोबारा प्रयास → लक्ष्य के करीब

अब इसे हम 5 उदाहरणों से बेहतर समझते हैं:

उदाहरण 1: एक छात्र का IAS बनने का सपना

लक्ष्य: एक छात्र का सपना है IAS बनना।

प्रारंभिक प्रयास: पहले अटेम्प्ट में वह फेल हो जाता है।

फीडबैक: वह विश्लेषण करता है कि उसने करंट अफेयर्स को गंभीरता से नहीं लिया।

सुधार: अगली बार वह करंट अफेयर्स पर ध्यान देता है, टाइमटेबल बेहतर बनाता है।

नतीजा: वह दूसरे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंच जाता है। तीसरे में सिलेक्शन हो जाता है।


यह छात्र बार-बार अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करता रहा, फीडबैक लेता रहा, और सफलता की ओर बढ़ता गया। यही है साइबरनेटिक लक्ष्य केंद्रित हुनर।

उदाहरण 2: एक अमवे डिस्ट्रीब्यूटर का 500+ PV का लक्ष्य

लक्ष्य: हर महीने 500+ PV करना।

प्रयास: पहले महीने वह सिर्फ 180 PV कर पाता है।

फीडबैक: उसे समझ आता है कि उसने समय पर फॉलोअप नहीं किया।

सुधार: अगले महीने वह फॉलोअप स्क्रिप्ट तैयार करता है, लोगों की जरूरतों को समझता है।

नतीजा: तीसरे महीने में वह 520 PV करता है।


अब वह अपने मस्तिष्क को उस लक्ष्य की दिशा में प्रशिक्षित कर चुका है। यह हुनर उसमें विकसित हो चुका है।

उदाहरण 3: वजन कम करने की प्रक्रिया

लक्ष्य: 10 किलो वजन कम करना।

प्रयास: वह शुरुआत करता है लेकिन कुछ दिन बाद छोड़ देता है।

फीडबैक: वह नोट करता है कि सुबह का समय ज्यादा अच्छा रहता है एक्सरसाइज के लिए।

सुधार: वह सुबह 6 बजे उठकर 30 मिनट चलना शुरू करता है।

नतीजा: धीरे-धीरे उसकी आदत बन जाती है और 3 महीनों में 8 किलो वजन कम हो जाता है।


यानी दिमाग ने एक स्वस्थ लक्ष्य को पकड़कर जीवनशैली को खुद बदल दिया — यही साइबरनेटिक प्रक्रिया है।

उदाहरण 4: एक बिजनेस लीडर का टीम बनाना

लक्ष्य: एक मजबूत 6-लीडर्स की टीम बनाना।

पहला प्रयास: पहले कुछ लोग जुड़ते हैं लेकिन काम छोड़ देते हैं।

फीडबैक: उसे पता चलता है कि उसने उन्हें गाइड करने में समय नहीं दिया।

सुधार: अगली बार वह नियमित मीटिंग करता है, मोटिवेशनल सपोर्ट देता है।

नतीजा: 3 महीने में 4 स्थायी लीडर तैयार हो जाते हैं।


यानी उसका मस्तिष्क सीख गया कि टीम कैसे बनाई जाती है, और अब वह उस हुनर को बार-बार दोहराने में सक्षम है।

उदाहरण 5: एक स्पीकर बनना

लक्ष्य: अच्छा पब्लिक स्पीकर बनना।

पहला प्रयास: स्टेज पर जाते ही घबरा जाता है।

फीडबैक: रिकॉर्डिंग देखकर समझ आता है कि आंखों का कांटेक्ट नहीं बना रहा था।

सुधार: वह मिरर के सामने प्रैक्टिस करता है, टोन पर काम करता है।

नतीजा: 4-5 भाषणों के बाद आत्मविश्वास बढ़ता है और तालियाँ भी मिलती हैं।


यानी उसने एक कौशल को साइबरनेटिक तरीके से बेहतर किया।

निष्कर्ष:

साइबरनेटिक लक्ष्य केंद्रित हुनर कोई जादू नहीं है, यह एक वैज्ञानिक सोच और प्रैक्टिकल प्रक्रिया है।
जब आप कोई लक्ष्य बार-बार सोचते हैं, उस पर फोकस रखते हैं, तो आपका मस्तिष्क उसे पाने के रास्ते ढूंढना शुरू कर देता है। जो बाधाएँ आती हैं, उन्हें वह फीडबैक के रूप में स्वीकार करता है और धीरे-धीरे आपको सफल बनाता है।

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आपके लिए सुझाव:

1. आज ही एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें।


2. उसे लिखें और रोज़ उसे पढ़ें।


3. हर प्रयास के बाद थोड़ा ठहरें और सोचें – “क्या सीखा?”


4. अगले प्रयास में सुधार करें।


5. इस चक्र को जारी रखें, और आपका मस्तिष्क साइबरनेटिक रूप से काम करने लगेगा।


मेरी शुभकामनाये।


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