Sunday 26 September 2021

PANEL DISCUSSION

1. आप का एम्वे बिज़नेस जॉइन करने का मुख्य कारण क्या है।
2. क्या आप एम्वे प्रोडक्ट घर पर यूज़ करते है। और क्यो करते है।
3. आप एम्वे बिज़नेस मे  स्पांसर किंस तरह हुए।
4. नए लोगो को एम्वे बिज़नेस में लाने में क्या क्या दिक्कते आती है, और इसे किस तरह दूर किया जा सकता है।
5. इस बिज़नेस में पर्सनल ग्रोथ के लिए आप क्या करते है।
  
1. ड्रीम और गोल से आप क्या समझते है।
2. 3 से 21% की प्लानिंग आप अपनी टीम में किस तरह करते है।
3. सक्सेस प्रिंसिपल का हमारे बिज़नेस में क्या महत्व है।
4. लेडीज का रोल इस बिज़नेस में किंस तरह का होता है।
5. अप लाइन का इस बिज़नेस में क्या महत्व है।

1. चेतन मन और अवचेतन मन के बारे में आप क्या सोचते है।
2. सपने और गोल के रास्ते मे रुकावट  सामान्य रूप से क्या होते है।
3. 


Tuesday 21 September 2021

Differential Income Calculation ..An example to create awareness.

1. Suppose your personal order with 3pc is 100 pv and first team volume is 600 Gpv, 2nd team volume is 1500 Gpv, 3rd team volume is 1000 Gpv, 4th team volume is 2000 Gpv. What will be your Differential income. ( Note : This is a test of only differential income, no trade discount, no CSI )

Calculation :

My total Group PV = 100+600+1500+1000+2000 =5200pv = 15%

First team =600pv =6%
Differential income =15-6=9% of 600 pv = 54pv
Second team = 1500 pv =9%
Differential income =15-9=6% of 1500 pv = 90pv
3rd team = 1000pv=6%
Differential income =15-6=9% of 1000 pv = 90 pv
4th team =2000 pv =9%
Differential income =15-9=6% of 2000 pv = 120pv

Total Differential income only in PV = 54+90+90+120= 354 pv X 80 = Rs 28320.

(Trade discount and other core plus incentive has been excluded in this calculation. It is only Differential income Calculation)

Sunday 19 September 2021

MIND SET

माइंड सेट से आप क्या समझते है । 

सफलता के लिए बदलाव की ज़रूरत हमारे जीवन में हमेशा रहती है। हमे अपनी पुरानी आदत जो हमने अपने परिवार, या स्कूल कॉलेज या साथियो से सीखी है , वे सब चीज़े हमे  जहाँ पहुँचाना था , आज वहाँ पहुंचा दिया  है। 
पर अगर इससे आगे जीवन में और  बढ़ना है तो कुछ और परिवर्तन लाना होगा। जीवन में और बड़ी सफलता के लिए  बदलाव की प्रक्रिया  को स्वीकार करना ही हमारी सबसे बड़ी सफलता है। और इसी माइंड सेट से हम निरंतर अपने जीवन में आगे बढ़ सकते है। 

माइंड सेट का अर्थ है किसी काम के लिए किसी व्यक्ति को तैयार करना है। उनके भविष्य की  प्राथमिकता को तय करना।
माइंड सेट करने का सबसे आसान रास्ता है, गोल सेट करना। 
जब आप अपने गोल जो भी चाहते है, उसे लिखते है, तो उस लक्ष्य के प्रति आपका माइंड सेट हो जाता है, कमिटमेंट आ जाता है।
माइंड सेट तब और अच्छे से होता है जब आप अपने लक्ष्य पर डेट या तारीख डाल देते है।
जब आप कुछ बोलते है, तो आपके अंदर भावना पैदा होनी चाहिए। जब भावना पैदा होती है, तो आपका माइंड सेट हो गया, अगर भावना पैदा नही हुई, तो वो आपकी बातें केवल चाहत है।

किसी भी व्यक्ति का माइंड सेट तभी कर सकते है, जब हम इनसे सवाल पूछ कर इनके दिमाग में क्या चल रहा है, उसे समझ सके। उनके दिमाग का खरपतवार निकालने के बाद ही आप उनके दिमाग मे एक नया ड्रीम का बीज लगा पाएंगे ।

हम केवल अपनी बात समझाने की कोशिश करेंगे, तो शायद हम उनका माइंड सेट नहीं कर पाएंगे। 
हर व्यक्ति अपनी ज़रूरत को पूरा करने के लिए आपसे जुड़ना चाहता है, इसलिए अपनी बात रखने से पहले उनके वर्तमान जिंदगी में क्या चल रहा है, उसे समझना ज़रूरी है। 


क्या कुछ उदाहरण दे कर इसे समझा सकते है। 

बिलकुल, ये समझ लीजिये आपके टीम में कोई व्यक्ति है, जो सुबह उठ कर होटल चलाता है, रात को सुबह अपने होटल  की तैयारी करता है। 
इनका माइंड सेट करना है , कितना कठिन काम है उनको इस रूटीन से बाहर निकालना ही चाहिए।

जिस तरह हम मॉर्निंग एक्सरसाइज के लिए आधा घण्टे या एक घण्टा समय निकाल लेते है, उसी प्राथमिकता में हमे अपने भविष्य को बनाने के लिए 2 घण्टे निकालना ज़रूरी है।

अगर हमारे बातचीत में 2 घण्टा  समय निकालने की बात मेरा डाउन लाइन स्वीकार करता  है, तो ठीक है, वरना मैं उनको अच्छे प्रोडक्ट उपयोग करने के लिए ही प्रेरित करूंगा।
आप खुद सोचे अगर कोई व्यक्ति 2 घंटा  अपने भविष्य के लिए समय देने को तैयार नहीं है, तो उसके साथ आप कैसे काम कर पाएंगे।  इसलिए बातचीत में ही हमे उन सभी बातो को तय कर लेना चाहिए जिससे नए व्यक्ति को बिज़नेस के हर काम में आनंद लगे।  अगर ये बिज़नेस आपको बोझ लग रहा है तो आप उस से झुटकारा पाना चाहेंगे। 

E QUADRANT और  B QUADRANT का  माइंडसेट कैसे करे। 

आप अपने नए लोगो से ये सवाल ज़रूर पूछे।  E QUADRANT और  B QUADRANT से आप क्या समझते है। 

इ क्वाड्रेंट को हम एम्प्लोयी क्वाड्रेंट  कहते है। बी क्वाड्रेंट को हम बिज़नेस क्वाड्रेंट कहते है। 
इ क्वाड्रेंट और बी क्वाड्रेंट दोनों एक अलग दुनिया है। दोनों का माइंड सेट अलग है, दोनों की भाषा अलग है। इ क्वाड्रेंट के लोगो को बी क्वाड्रेंट की भाषा समझ नहीं आती है , उनमे  अपने एजुकेशन का ईगो होता है , अपने पद का ईगो होता है और बी क्वाड्रेंट के लोग शांत होते है, वे ईगो को लेकर  साथ  में नहीं चलते है। 

इ क्वाड्रेंट के लोग अपना समय लगा कर, अपने एजुकेशन को सेल्ल कर के इनकम बनाते है। इस इनकम को हम एक्टिव इनकम कहते है। 
बी क्वाड्रेंट के लोग अपने TEAM से पैसा बनाते है। वे अपने टीम को ट्रैन करते है,अपने टीम में लोगो को नए नए स्किल्स की ट्रेनिंग देते है ताकि  वे जीवन की , बिज़नेस की संभावित चुनोतियो का अच्छे से हैंडल कर सके। 

एम्प्लोयी रिटायर हो जाता  है और उसका कॅशफ्लो समाप्त हो जाता है।  , बिज़नेस ओनर कभी रिटायर नहीं होता है और उनका कॅश फ्लो पीढ़ियों में ट्रांसफर हो जाता है, लिगेसी बन जाता है। 
आपका समय, आपका मेहनत , आपका स्किल जो कुछ इस सिस्टम में आज निवेश कर रहे है वो आपके आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा काम आता रहेगा। अगर आपने इस बात को जीवन भर नहीं समझा तो आपकी पीढ़िया आपकी व्यक्तित्व की बहुत बड़ी कमज़ोरी समझेगी। 

लिवरेजिंग इनकम और पैसिव इनकम का माइंड सेट कैसे करे। 

आप अपने लीडर से पूछे , एक्टिव इनकम, लिवरेजिंग इनकम और पैसिव इनकम में क्या अंतर् होता है। 

E क्वाड्रेंट और S क्वाड्रेंट से लोग एक्टिव इनकम बनाते है। समय लगाना बंद तो इनकम बंद।  
बी क्वाड्रेंट में लोग लिवरेजिंग इनकम बनाते है। ये  इनकम हमे अपने टीम से मिलती है। जितनी बड़ी टीम , उतनी बड़ी हमारी लिवरेजिंग इनकम। लिवरेजिंग इनकम हमे अपने सिस्टम से मिलती है।  टीम को सिस्टम ही कण्ट्रोल करता है।  इसलिए टीम बनाने का सूत्र ये है की आप सिस्टम को अच्छे से प्रमोट करे। 

 ये टीम की जिम्मेवारी हमारी अगली पीढ़ी लेती है तो उनको भी लिवरेजिंग इनकम मिलती रहेगी। 
एमवे बिज़नेस में हमे लिवरेजिंग मिलती है, जो पीढ़ियों के लिए तैयार हो जाती है। 
पैसिव इनकम ,आई क्वाड्रेंट से मिलता है।  जब आप अपने पैसे बड़े बड़े बिज़नेस फर्म में निवेश करते है और आपकी इनकम वहाँ  से आता है, हम उसे पैसिव इनकम कहते है।  जब आप किसी मकान , जमीन को किराया में देते है , उस इनकम को भी पैसिव इनकम कहते है। 

अपलाइन  के साथ टीम बना कर काम करे,इसका माइंड सेट कैसे करे।

माइंड सेट करने की शुरुआत सवाल पूछने से होगी।  टीम बनाने का काम आसान है या मुश्किल। 

कुछ लोग टीम बनाने की शुरुआत करते है और कुछ दिनों के बाद छोड़ देते है, ये कहकर के मैं इसे कर नहीं पाउँगा , कुछ सालो स्ट्रगल करते रहते है , और कुछ लोग बहुत बड़ी टीम बना लेते है और डायरेक्ट सेल्लिंग इंडस्ट्री में बहुत ऊंचाई तक पहुंच जाते है।  ऐसा क्यों होता है, कुछ लोग बहुत सफल होते है और कुछ लोग टीम बनाने में स्ट्रगल करते है। इसका मुख्य कारण क्या है। 

टीम बनाना एक नया काम है।  किसी भी व्यक्ति को पहले ये असम्भव लगता है। 

टीम बनाने का बहुत बड़ा सूत्र ये है की अपने अप लाइन के साथ जोड़ी बनाना।  जो लीडर अपने अप लाइन के साथ जोड़ी बना कर काम करता है, वो बहुत जल्दी सफल हो जाता है। 
जोड़ी बनाने में जिनको दिक्क्त हो रहा है , वो टीम बनाने में स्ट्रगल कर रहे होते है। 

हर  प्रकार के  भेद भाव  से हम सभी को ऊपर उठना होगा। अपलाइन डाउन लाइन के साथ अगर कोई मन मुटाव हो गया है तो अप लाइन को चाहिए की वो अपने डाउन लाइन के साथ बैठ कर उनकी बात को ध्यान से सुन कर विश्वास का रास्ता निकाले। डाउन लाइन को अपने अप लाइन को हमेशा महत्पूर्ण होने का एहसास कराये। जब आप उन्हें महत्पूर्ण होने का फीलिंग देंगे तभी आपकी टीम भी आपके सबमिशन में रहेगी। 

फर्स्ट वीक गोल का माइंड सेट किस  प्रकार  करे  ।

सवाल   पूछने  से ही  किसी  व्यक्ति  के अंदर की  सोच बाहर आ सकती है और उनके अंदर  एक नई  सोच  पैदा की जा  सकती  है।  
 आप पूछिए अपने आप  से 3% से 21% अगर कोई तेजी  से पहुंचना  चाहे  तो उसे  कौन सी  आदत अपने अंदर  पैदा  करनी  होगी ।
अगर किसी को BFI पिन पर जाना है या किसी को BBI पिन पर जाना है तो उसे कौन सी आदत अपनी अंदर पैदा करनी होगी।  
 उनके जवाब को ध्यान से सुनिए और उनकी हर  बात की सराहना कीजिये और फिर BWW के बताये हुए नियम की बात कीजिये।  
दुनिया में जितने लोग एमवे बिज़नेस में सफल हुए है उनमे एक चीज़ समान्य पायी गयी है और वो है गोल सेटिंग की आदत।  वे सभी लीडर्स अपना फर्स्ट वीक गोल सेट करते थे और अपने टीम के हर लोगो को फर्स्ट वीक गोल लिख कर काम करने का माइंड सेट करते थे। 




Tuesday 14 September 2021

How to handle Problems and Excuses

                        Todays Message 
As long as we are alive, we will have problems, Challenges in our Life.
जब तक हमारा जीवन है, तब तक हमारे जीवन मे समस्या और चुनोती रहेगी।

There are two types of people in this world, one who will make these problems of their life situations as an excuse and run away from responsibility. And others who set their priorities and overcome their challenges and take control of their life . They are winners , they are successful people in their life.

इस संसार मे दो तरीके के लोग होते है, एक वो जो अपने जीवन की समस्या और चुनोती को बहाना के रूप में उपयोग करते है, और जिम्मेवारी से भागते है। दूसरे वो जो अपने जीवन की समस्या और चुनोती पर नियंत्रण बनाते है, समाधान का रास्ता निकालते है , और अपने जीवन की प्राथमिकताये तय करते है। वैसे लोग विजेता होते है, वैसे लोग सफल लोग होते है।   

Winners always make corrections in their Attitude. They authorise their mentors to make corrections. They do not feel bad about their mentors feed back.

विजेता लोग हमेशा अपने अंदर सुधार करते रहते है। वे अपने मेंटर्स को अपने अंदर सुधार लाने का अधिकार देते है। वे अपने मेंटर्स, अपने गुरु की बाते का बुरा नही मानते।

Thursday 9 September 2021

WHY SUPPLEMENTATION IS IMPORTANT FOR HEALTHY LIVING ( HINDI )

सप्लीमेंट्स की ज़रूरत पहले नही थी पर आज है, इसका मुख्य कारण समझना बहुत ज़रूरी है। वो है, हमारा आधुनिक जीवन शैली।

आधुनिक जीवन शैली से आप क्या समझते है ?

आधुनिक जीवन सैली हमारे रहन सहन , खान पान , यहाँ तक की जीवन में  तनाव को बहुत अधिक  बढ़ा दिया है। इसे समझना बहुत ज़रूरी है। आज ज्यादतर स्वास्थ सम्बन्धी समस्या इसी कारण से हो रही है।

हमारे जीवन शैली में निम्न बदलाव आ चुका हैं।
सिडानटरी लाइफ स्टाइल, 
जंक फूड, फ़ास्ट फ़ूड, 
रेफ्रिजरेशन ,
ओवर कुकिंग,  
प्रदूषण, रासायनिक खेती,  
सिंथेटिक दवाइयां 
ये सब हमारे जीवन को खतरनाक दिशा में लेकर आगे बढ़ रहा है।

सेडानट्री जीवन सैली से आप क्या समझते है ?
 
सेडानट्री जीवन सैली यानि सुस्त जीवन सैली।  लोग आराम तलब हो गए है। व्यायाम दिनचर्या से लगभग गायब हो चूका है। मोबाइल, कंप्यूटर में ही सब काम हो जा रहा है।  यहाँ तक की बच्चे हो या बड़े सभी मोबाइल में ही गेम खेल रहे है। 

सेडानट्री जीवन व्यायाम न करने से, एवम टेक्नोलजी का अधिक से अधिक उपयोग करने से जीवन सेडानट्री होती जा रही है। हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता जाता है।
परिवार में या कार्य स्थल  पर  तनाव बहुत बढ़ गया है।  
रात को देर तक सोना और सुबह देर उठना, पूरा जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। 

इसी डिसआर्डर से  हमारे शरीर का मेटाबोलिज्म प्रभावित हो रहा है और हमारे शरीर में मधुमेह, ह्रदय रोग, थाइरोइड , ओबेसिटी, कैंसर, पथरी , यूरिक एसिड , पाइल्स इत्यादि  जैसी बीमारी जन्म ले रही है। 

जंक और फ़ास्ट फ़ूड से आप क्या समझते है । 

जंक फूड पैकेट में हमे परोसा जाता है। फ़ास्ट फ़ूड तेल में डीप फ्राई कर के परोसा जाता है। जंक और फ़ास्ट फ़ूड से हमे ऊर्जा तत्काल मिल जाता है, पर पोषक तत्व नही मिलता। अगर फ़ास्ट और जंक फूड की आदत लग गयी तो हमारे शरीर का इम्मयून सिस्टम कमज़ोर होता जाता है। 

इम्यून सिस्टम से आप क्या समझते है ?

हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ,  बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की क्षमता को इम्यून सिस्टम कहते है।
बैड बैक्टीरिया और वायरस हमारे चारों तरफ पाए जाते है, हवा, पानी या बासी भोजन, खुला हुआ भोजन, हर जगह पाए जाते है, हर दिन उनका सामना हमारे इम्यून सिस्टम से होता है। अगर हमारा इम्मयून सिस्टम कमज़ोर होगा तो हम बीमार पड़ जाते है। शरीर मे डिसऑर्डर पैदा होगा। 

रेफ्रिजरेशन  से आप क्या समझते है ?

हम खाद्य पदार्थों को कोल्ड स्टोरेज या घर मे फ्रिज में रखते है, ताकि हमारा खाद्य प्रदार्थ ताजा दिखे। इस परिक्रिया को रेफ्रिजरेशन कहते है।
खेत से खाद्यपदार्थ सीधा देश के बड़े बड़े कोल्ड स्टोरेज में पहुँचता है। फिर कोल्ड स्टोरेज से हमारे बाजार में, फिर बाजार से हमारे घर के फ्रिज में। 
रेफ्रिजरेशन से खाद्य पदार्थ ताजा दिखता है, पर इसके पोषक तत्व नष्ट हो जाते है। हमे भोजन तो मिलता है, पर उस भोजन में पोषक तत्व गायब है। पोषक तत्व की कमी से हमारा इम्यून सिस्टम प्रति दिन कमज़ोर होता जा रहा है। और हमारा स्वास्थ प्रभावित हो रहा है।

ओवर कुकिंग  से आप क्या समझते है ?

खाना को इस हद तक पकाते रहना की उसका पोषक तत्व पूरा नष्ट हो जाये , इसे ओवर कुकिंग कहते हैं।

आज प्रेशर कुकर में खाना बनाना सामान्य बात है। प्रेसर भोजन के पोषक तत्व को नष्ट कर देता है। प्रेशर की सिटी पोषक तत्व नष्ट होने का संकेत है। आज टेस्ट (taste )इस तरह हावी हो गया है की हमे प्राकृतिक टेस्ट (taste) भूल से गए है। तेल का उपयोग हमारे भोजन को अम्लीय बनाता है। ज्यादा अम्लीय भोजन, हमारे शरीर में अधिक फ्री रेडिकल्स पैदा करता है, और हमारे कोशिकाएं की क्रिया में बिगाड़ पैदा होता है। हर 2 लेडी में एक लेडी आपको अनेमिक मिलेगी, यानी हीमोग्लोबिन की कमी पाई जा रही है। हमारे बीमारी का मुख्य कारण हमारा किचन बन चुका है। 
इसलिए स्वस्थ और टेस्टी भोजन के लिए हमे जीरो आयल कुकिंग की तरफ लौटना पड़ रहा है।

 प्रदूषण से आप क्या समझते है ।

प्रदूषण आज सामान्य बात है। कोयला उद्योग हो, पावर प्रोजेक्ट, या स्टील उद्योग, या सीमेंट उद्योग या फिर ऑटो मोबाइल्स उद्योग। टू व्हीलर , फोर व्हीलर, या और भी बड़ी गाड़िया की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। प्रदूषण बढ़ रहा है, प्रदूषण से फ्री रेडिकल्स की मात्रा वायु मंडल में बढ़ती जा रही है। फ्री रेडिकल्स कोशिकाएं का कार्य में व्यवधान पैदा कर रहा है। जिसके वजह से बहुत सी डिजेनेरेटिव बीमारियां हमारे शरीर में पैदा हो रहा है, जैसे डायबिटीज, कार्डियो वस्क्युलर बीमारियां, थयोरोइड,कैंसर वगैरह वैगरह। हम अपना बचाव किस प्रकार कर सकते है, ये बहुत बड़ा सवाल हमारे जीवन में खड़ा है।

रासायनिक खेती से आप क्या समझते है ?

रसायनिक खेती आज सामान्य बात है। हमारा भोजन विषैला होता जा रहा है। रासायनिक यूरिया की मात्रा हर साल बढ़ता जा रहा है, जमीन बंजर होती जा रही है। केचुए खेत में नज़र नही आ रहे है। शक्तिशाली कीटनाशक का उपयोग दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। हमे टमाटर तो मिल रहा है, पर टमाटर का पोषक तत्व गायब है, हमे खीरा तो मिल रहा है पर पोषक तत्व गायब है, केला हो या आम इसे कार्बाइड से पकाया जा रहा है। जैविक खेती बहुत महंगी है, और हमे हमारे खाने में जहर परोसा जा रहा है। फ्री रेडिकल्स हमारे सेल की क्रिया को नष्ट कर रहे है। हमारा इम्यून सिस्टम दिन पर दिन कमज़ोर होता जा रहा है। हम सभी को इस समस्या का विकल्प ढूंढना ही है।

सिंथेटिक दवाइयां से आप क्या समझते है ? 

हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है, इसका प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। जिसके वजह से तरह तरह की बीमारी हमारे शरीर मे पैदा हो रहा है।  दवा खाते है, किसी एक बीमारी को ठीक करने के लिए और हमे दूसरी बीमारी हो जाती है। लोग अस्पताल का चक्कर काट काट के परेशान हो चुके है। लोग कहते पाए गए है, भगवान किसी को ये बीमारी न दे, किसी को अस्पताल के चक्कर में न फसाए। सिंथेटिक दवाइया की सुपाच्यता बहुत कम होती है, इसलिए ये दवाइयां हमारे शरीर में टॉक्सिन्स बहुत पैदा करती है, ये टॉक्सिन्स शरीर से बाहर नही हो पाया तो हमें कोई दूसरी बीमारी की सम्भावना बढ़ जाती है, साइड इफ़ेक्ट की सम्भावना बढ़ जाती है ।

EARN से आप क्या समझते है ? 

EARN सिद्धान्त से हम स्वस्थ जीवन शैली हमेशा हमेशा के लिए बनाए रखते है।
इस नियम का पालन करने से हमारे शरीर का टोक्सिन्स दैनिक रूप में पसीने से बाहर हो जाता है। EARN सिद्धान्त से हमारे शरीर की ग्रन्थियां से एन्ज़ाइमस और हार्मोन्स का रसाव सन्तुलित मात्रा में होता रहता हैं , जो हमारे शरीर मे रखरखाव में मदद करता है। 

EARN सिद्धान्त को अब हम थोड़ा विस्तार से समझते है।

एक्सरसाइज हमे रोज 30 मिनट क्यो करना चाहिए ?

E ..EXERCISE हर रोज 30 मिनट लगातार , बिना रुके चलना चाहिए। इतना चलने से आपके शरीर से पसीना निकलना शुरू हो जाता है। आपके शरीर की छिद्र  खुल जाते है, जो स्वस्थ जीवन के लिए ज़रूरी है। पसीने से हमारेे शरीर के केमिकल्स बाहर आते। शरीर के टॉक्सिन्स बाहर आते है।
और हमारे शरीर मे एंजाइम और हार्मोन्स पैदा करने में मदद करता है।

एटीट्यूड से आप क्या समझते है, और हमे ये स्वस्थ रहने में किस तरह मदद करता है ?

A .. ATTITUDE , मतलब हमारी सोच। हमारे शरीर मे कई ग्रंथियां होती है, जिनके रसाव से हम स्वस्थ रहते है या अस्वस्थ होते है। हमारे ग्रंथियां का रसाव हमारे सोच पर निर्भर करती है। अगर हम पॉजिटिव सोचते है, ग्रंथियां में केमिकल का रसाव हमे स्वस्थ रखते है। अगर हम नेगेटिव सोचते है तो हमारे ग्रन्थियां का रसाव हमे बीमार, हमे जल्दी बुढ़ापे की तरफ ले जाते है।
जॉब में तनाव बहुत सामान्य बात हो गयी है।
और इसलिए आज लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर बहुत  सामान्य बात है।

6 से 8 घण्टा आराम करना रोज क्यो ज़रूरी है ?

R ..REST हमारे शरीर का पूरे तरीके से मेंटेनेंस ठीक तरीके से हो सके इसलिए हम दिन में 6 से 8 घण्टा नींद ( आराम ) करना चाहिए।  
जब हम 6 से 8 घण्टा नींद करते है तो इसी समय हमारे शरीर का पूरा पूरा डिटॉक्सीफिकेशन होता रहता है। 
और हम एक स्वस्थ जीवन शैली को अपना सकते है। 

न्यूट्रीशन क्या होता है, और ये हमे स्वस्थ रहने में किंस तरह मदद करता है ?

N..NUTRITION.. हम जो भोजन खाते है, उससे हमे पोषक तत्व प्राप्त होता है, जो हमे स्वस्थ रखने में मदद करता है।   पर आज हम भोजन तो खा रहे है, फल, सब्जियां, खा तो रहे है, पर उसमे का पोषक तत्व गायब है।
जब लंबे समय तक ये कमी हमारे शरीर मे रहती हैं , तो हमारे शरीर मे डिसऑर्डर पैदा होना शुरू हो जाता है।  
यही शरीर का डिसऑर्डर , डिजीज में बदल जाता है, और हमारा शरीर ब्रेक डाउन के स्थिति में आ जाता है। और हम परेशान भी होते है, और आर्थिक कठिनाई में पड़ जाते है।

न्यूट्रिशन गैप की विचारधारा और उस पर नियंत्रण बनाये रखना।
क्योंकि आधुनिक जीवन शैली में हम जैविक खेती नही कर पाएंगे इसलिए कि जनसंख्या का दबाव हमारे किसानों पर निरन्तर बना रहेगा और केमिकल्स का उपयोग होता रहेगा, और न्यूट्रिशन गैप की समस्या कम नही और भविष्य में बढ़ेगी, इसलिए इस कमी को हम फ़ूड सप्लीमेंट से ही पूरा कर सकते है।
भविष्य में इंसान की सबसे बड़ी जरूरत डाइटरी सप्लीमेंट ही होगा।
WHO ( वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ) का इस सम्बन्द्ध में एक गाइड लाइन है।
हम सभी को पोषक तत्व RDA मात्रा में रोज लेना चाहिए। Recommended Daily Amount , ये वो मात्रा है, जिसे हमे अपने बॉडी को रोज देना चाहिए, ताकि किसी भी पोषक तत्व की कमी हमारे शरीर मे न हो।
120 प्रकार की बीमारी हमारे शरीर मे किसी न किसी पोषक तत्व की कमी से हो सकती है।

न्यूट्रीलाइट कम्पनी का ही सप्लीमेंट लेना क्यो ज़रूरी है ?

न्यूट्रीलाइट सबसे पुराना और सबसे विश्वसनीय ब्रांड है। 
NUTRILITE की शुरुआत 1934 में हुई थी। हमे 86 सालो का तज़ुर्बा प्राप्त  है।
NUTRILITE का फार्म 100% सर्टिफाइड होता है। पोषक तत्व से भरपूर होता है।
न्यूट्रीलाइट के सप्लीमेंट जैविक खेती से प्राप्त होता है, सब कुछ प्राकृतिक होता है, कोई पेस्टिसाइड या रासायनिक खाद्य का उपयोग नही करते।
100 % सुरक्षित है। किसी साइड इफ़ेक्ट का डर नही होता है। न्यूट्रीलाइट सप्लीमेंट  90% सुपाच्य होता है, ब्लड में तत्काल मिल जाता है,  इसका लाभ हमे शीघ्र नज़र आने लगता है। इसके विपरीत सिंथेटिक सप्लीमेंट लेने से, इसकी सुपाच्यता कम होती है, 20 - 30% ही अवशोषित हो पाता है और शरीर मे टॉक्सिन्स अधिक पैदा होता है, साइड इफ़ेक्ट की संभावना बढ़ जाती है। 
होल प्लांट कांसेप्ट पर न्यूट्रीलाइट के प्रोडक्ट तैयार किये जाते है। प्लांट के सभी पार्ट से इसके पोषक तत्व तैयार किये जाते है।
न्यूट्रीलाइट सप्लीमेंट बीमारियों को रिवर्स आर्डर में ले आता है।
इसमे किसी तरह का पेस्टिसाइड या केमिकल का उपयोग नही किया जाता है।
1000 से अधिक वैज्ञानिक तीन शिफ्ट में न्यूट्रिशन पैदा करने में लगे है। जिस तरह बिजली, कोयला, सीमेंट तीन शिफ्ट में पैदा हो रहा है, उसी प्रकार न्यूटिशन तीन शिफ्ट में पैदा हो रहा है, ये हम सभी के लिए गौरव की बात है। इसके 1000 से ज्यादा पेटेंट्स है और 1000 से ज्यादा वैज्ञानिक है।
न्यूट्रीलाइट के सप्लीमेंट एक ग्लोबल ब्रांड है । दुनिया भर के लोग न्यूट्रीलाइट सप्लीमेंट पर अपना विश्वास बना चुके है, भारत मे भी लोग न्यूट्रीलाइट सप्लीमेंट का लाभ ले रहे है।

दुनिया की बड़ी बड़ी सर्वे ऐजेंसी न्यूट्रीलाइट के बारे में क्या कहती है ?

यूरोमॉनिटर .. दुनिया की नंबर एक सर्वे एजेंसी वो नुट्रिलाइट कम्पनी को दुनिया में पोषक तत्व सेल्स की नंबर एक कंपनी अपने रिपोर्ट में बताई है। 
विश्व स्वास्थ संगठन के RDA गाइड लाइन को नुट्रिलाइट कंपनी फॉलो करता है।
एमवे नुट्रिलाइट के प्रोडक्ट पर 100% संतुष्टि की गारंटी मिलती है। 30 दिनों में 30 % प्रोडक्ट उपयोग करने के बाद संतुष्ट न होने पर आप खुला हुआ प्रोडक्ट कंपनी को वापस कर के पूरा पैसा ले सकते है।  

उम्मीद है दोस्तो आज का मेरा सेशन आपको सप्लिमेंटशन कांसेप्ट समझने में कुछ मदद किया होगा।
वैलनेस इंडस्ट्री, आने वाले समय की सबसे बड़ी इंडस्ट्री होने वाली है। हमे इस स्वास्थ सम्बन्धी सिद्धान्त लोगो को शेयर करनी है, और इसी प्रकार आप  बहुत सारे लोगो को स्वस्थ रहने में मदद कर सकते है। 
दुसरो को मदद करने वाले लोग ही जीवन मे बड़ी सफलता अर्जित करते है।

मेरी शुभकामनाएं।

BBI STRUCTURE AND STRATEGIES (Hindi )

स्ट्रक्चर से आप क्या समझते है।

फ्रंट लाइन और डेप्थ को हम स्ट्रक्चर कहते है। 3-4 लेग का स्ट्रक्चर, 6-9 लेग का स्ट्रक्चर, 9 -12 लेग का स्ट्रक्चर, 12+ लेग का स्ट्रक्चर। 
उसी तरह हर फ्रंट लाइन को डीप ले जाना हर प्लैटिनम लीडर का गोल होता है। 
फ्रंट लाइन से हमारे बिज़नेस का लाभांश बढ़ता है। डीप जाने से हमारे बिज़नेस की सुरक्षा बढ़ती है। 
स्ट्रक्चर से हम अपने बिज़नेस को बैलेंस करना सीखते है। फ्रंट लाइन और डेप्थ , से हमारा बिजनेस स्ट्रक्चर बैलेंस होता हैँ .
4 लेग और किसी एक लेग में 5 डीप के स्ट्रक्चर से आप BFI बिजनेस पर नियन्त्रण बना सकते है।
4 लेग और किसी एक लेग में 10  डीप के स्ट्रक्चर से आप BBI जा सकते है।
4 लेग और किसी एक लेग में 20 डीप के फाउंडर प्लैटिनम से जा सकते है।
4 लेग में 20 डीप के स्ट्रक्चर से आप profitable एमराल्ड जा सकते है।
6 लेग में 20 डीप के स्ट्रक्चर से आप डायमंड जा सकते है।
9 लेग में 20 डीप के स्ट्रक्चर से आप एग्जीक्यूटिव डायमंड जा सकते है।
12 लेग में 20 डीप के स्ट्रक्चर से आप डबल डायमंड जा सकते है।
डेप्थ से हमारा बिजनेस सुरक्षित रहता हैं ।
स्ट्रक्चर का यही नक्शा हमारे दिमाग मे होना चाहिए और ऐसा ही नक्शा हमारे टीम में भी हर उस लीडर के पास होनी चाहिए, जिसे प्लैटिनम जाना हो। 
किसी भी कम को सफलता पूर्वक करने के लिए , रोड मैप या नक्शा बनाना बहुत ज़रूरी होता है। अगर आपको ज़मीन दे दिया जाए, और नक्शा न दिया जाए तो क्या आप मकान बना पाएंगे .... नही। इसी प्रकार BFI से लेकर एमराल्ड तक का नक्शा हमारे दिमाग मे खींचा होना चाहिए।

BFI ( ब्रॉन्ज फाउंडेशन incentive)

कुल वॉल्यूम 9%, Front लाइन 3 और सभी 3% पर हो।

BBI ( ब्रॉन्ज बिल्डर incentive) किसे कहते है। 

BBI उस लीडर को कहते है जिसका कम से कम 3 लेग से 15% का वॉल्यूम हो यानी 4 लाख का वॉल्यूम हो।
पर तीनों लेग में किसी भी लेग से 6% से कम का वॉल्यूम नही होना चाहिए।
इस लेवल पर आपको अपने कोर इनकम पर 35% का मल्टीप्लायर लग जाता है।
अगर आप चार लेग से BBI करते है तो आपकी कुल इनकम लगभग 40,000 की होनी चाहिए।

BBI ब्रोंज बिल्डर इंसेंटिव (15% ) का रोड मैप : 
  
1. BBI जाने के लिए BFI की प्लानिंग करें।

BBI जाने के लिए आपको BFI को बेस पिन बनाना होगा। यानी नीचे बहुत सारे लोगो को BFI का गोल सेट करना होगा।

4 BFI लेग से आप BBI हँसते हुए पहुच सकते है।

अब BFI का रोड मैप कैसा होगा। BFI पहुचने का रास्ता।
BFI हम उस लीडर को कहते है, जो 3 लेग से 9% का वॉल्यूम कर लेता है, और किसी भी लेग में 3% से कम का वॉल्यूम नही होना चाहिए।

4 CSI सेल्स टीम, यानी 4 लेग के टीम लीडर CSI से 
RS 2500 बना रहे है।

इन लीडर को PC/ADR स्पांसर करने की प्लानिंग करनी  होगी। अगर ये अपने PC/ADR के साथ 300 पॉइंट का बिज़नेस करना सीख जाए, तो बिज़नेस इनके लिए भगवान का एक उपहार साबित होगा।


2. BBI के लिए डीप जाने की प्लानिंग :

BFI  में 4 फ्रंट लाइन होना ज़रूरी है और 5 डीप , निरन्तर 9% वॉल्यूम के लिए।
BBI में 4 फ्रंट लाइन और 10 डीप।
3 की जगह यहाँ 4 लेग की प्लानिंग आपके बिज़नेस को और सुरक्षा देता है। 

हम 4 फ्रंट लाइन की प्लानिंग कर के चलते है, ताकि एक फ्रंट लाइन स्टैंड बाई में हमारे पास रहता है। अगर 3 फ्रंट लाइन में कोई एक लेग गड़बड़ हुआ, यानी कुछ मजबूरी आ गयी तो हम चौथे फ्रंट लाइन को तीसरा बना कर अपने गोल को बनाये रख सकते है।

3. BBI जाने के स्ट्रक्चर की संख्या की प्लानिंग करना।

स्ट्रक्चर बनाने का और सिखाने का उद्देश्य यही है कि हमारा बिज़नेस वॉल्यूम में निरंतरता बना रहे ।
स्ट्रक्चर बनाने का अर्थ नए सेल्स टीम को तैयार करना। अगर मैने अपने टीम में, 10 लोगो का स्ट्रक्चर बनाने में मदद की तो मेरी 10X4 = 40 नई सेल्स टीम बन जाती है। 
स्ट्रक्चर बनाने का हमारा ये नज़रिया होना चाहिए।

आपका BBI 15% का वॉल्यूम 100% डन।
10 स्ट्रक्चर के लिए आपको 4 लेग में, 3 - 3 स्ट्रक्चर बनाने की प्लानिंग करनी होगी।
अगर आप लिस्ट और टीम फ़ोन सेशन पर फोकस हो जाते है, ये लक्ष्य आसान लगने लगेगा।
टीम फ़ोन कॉल के लिए आपको अपने टीम लीडर को अपने 10 - 10 लिस्ट ले कर वर्चुअल मीटिंग में बैठे। A लिस्ट और C लिस्ट में बात करने के लिए स्क्रिप्ट फॉलो करें।

4. BBI जाने के लिए वर्चुअल मीटिंग की प्लानिंग 

वर्चुअल मीटिंग का मतलब ऑनलाइन मीटिंग, घर बैठे हुए आप सभी मीटिंग में शामिल हो सकते है। टेक्नॉलजी ने दुनिया को बहुत छोटा बना दिया है। वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से आप किसी को लिंक भेज कर उन्हें उनके घर में ही  बिज़नेस प्लेटफार्म को पहुंचा सकते है।  बिज़नेस का विस्तार करना वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से बहुत ही आसान हो गया है। 

BBI के लिए हमारा एक पैरामीटर वर्चुअल मीटिंग है, जिसे हम मॉनिटर कर सकते है। आपके वर्चुअल मीटिंग के नम्बर कितने हो रहे है। 

BFI बिज़नेस के लिए आपके टीम में वर्चुअल मीटिंग में कम से कम 5 से 7 नम्बर होना ज़रूरी है।

BBI बिज़नेस वॉल्यूम के लिए आपके वर्चुअल मीटिंग में कम से कम 15 से 20 लोग निरन्तर बैठ रहे हो।

जब हम अपने टीम में हर एक व्यक्ति, नए हो या पुराने, सब का गोल सेट करते है। गोल सेट करना और रिव्यु मीटिंग में अपने अप लाइन के साथ बैठना तो ये नम्बर बहुत छोटे लगने लगेंगे। जब आपका मानसिक विकास होता है, तो बड़े गोल छोटे लगने लगते है। एक समय मे जो संख्या आपको बड़ी लग रही थी, आज बहुत छोटा और आसान लग रहा है।

सफलता एक यात्रा है 

इसका अर्थ ये है कि किसी एक व्यक्ति का गोल पूरा हो जाता है तो हमे रुकना नही है, उसके नीचे अगला लीडर ढूंढना है, जो BFI जा सकता है। 
हमे अपनी प्लानिंग नए नए लोगो के साथ करने की एक आदत बनानी होगी। इसलिए, हर लेग में डीप जाने की प्लानिंग करनी होगी। गोल सेटिंग की परिक्रिया अनन्त तक चलती रहेगी। पीढ़ी दर पीढ़ी ये गोल सेटिंग की परिक्रिया चलती रहेगी, BWW यूनिवर्सिटी को हम प्रमोट करते रहेंगे, और इसी तरह हम अपना जनरेशन इनकम की प्लानिंग कर सकते है।

इस लेख को पढ़ने के बाद मुझे उम्मीद है, आप अगले 3 माह में BBI अवश्य कर लेंगे।

मेरी शुभकामनाये।

सवाल : (इन सवालों का जवाब लिख कर अपना नोट्स तैयार कर ले।)

1. स्ट्रक्चर से आप क्या समझते है।
2. फ्रंट लाइन से हमारे बिज़नेस में क्या बढ़ता है। 
3. डेप्थ से हमारे बिज़नेस को क्या मिलता है। 
4. हम अपने बिज़नेस को किस तरह बैलेंस कर सकते है। 
5. रोड मैप से आप क्या समझते है , उदहारण दे कर समझाये। 
6. एमराल्ड का स्ट्रक्चर कैसा होना चाहिए।
7. डायमंड का स्ट्रक्चर कैसा होना चाहिए।
8. BBI किसे कहते है। BBI का स्ट्रक्चर कैसा होना चाहिए।
9. BBI के लिए कितना BFI लेग होना चाहिए।
10. BBI के लिए लेग कितना डीप होना चाहिए।
11. BBI जाने के लिए 4 लेग का स्ट्रक्चर कितना होना चाहिए।
12. वर्चुअल मीटिंग से आप क्या समझते है। 
13. BBI जाने के लिए वर्चुअल मीटिंग की संख्या कितनी होनी चाहिए।
14. सफलता एक यात्रा है, इससे हम क्या समझते है।
15. हम अपने जनरेशन इनकम की प्लानिंग किस प्रकार कर सकते है।

Wednesday 8 September 2021

MY REASONS TO BUILD AMWAY BUSINESS

Amway Business is a very unique and very very special business.
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The education of financial freedom is very very unique, very very special.

There is a development of each member of the family.
Everyday we have a mindblowing experience. We do not compete with each other but we try to complete each other.
I also love this business because it is a complete package of life. We have money, time and friends all three important resources on one platform.
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Money in this business comes in auto mode, our primary objective is to build ourselves.
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Beatutiful business. Gods own business in Gods own country.
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Thank you.

God bless u all.