Sunday 19 September 2021

MIND SET

माइंड सेट से आप क्या समझते है । 

सफलता के लिए बदलाव की ज़रूरत हमारे जीवन में हमेशा रहती है। हमे अपनी पुरानी आदत जो हमने अपने परिवार, या स्कूल कॉलेज या साथियो से सीखी है , वे सब चीज़े हमे  जहाँ पहुँचाना था , आज वहाँ पहुंचा दिया  है। 
पर अगर इससे आगे जीवन में और  बढ़ना है तो कुछ और परिवर्तन लाना होगा। जीवन में और बड़ी सफलता के लिए  बदलाव की प्रक्रिया  को स्वीकार करना ही हमारी सबसे बड़ी सफलता है। और इसी माइंड सेट से हम निरंतर अपने जीवन में आगे बढ़ सकते है। 

माइंड सेट का अर्थ है किसी काम के लिए किसी व्यक्ति को तैयार करना है। उनके भविष्य की  प्राथमिकता को तय करना।
माइंड सेट करने का सबसे आसान रास्ता है, गोल सेट करना। 
जब आप अपने गोल जो भी चाहते है, उसे लिखते है, तो उस लक्ष्य के प्रति आपका माइंड सेट हो जाता है, कमिटमेंट आ जाता है।
माइंड सेट तब और अच्छे से होता है जब आप अपने लक्ष्य पर डेट या तारीख डाल देते है।
जब आप कुछ बोलते है, तो आपके अंदर भावना पैदा होनी चाहिए। जब भावना पैदा होती है, तो आपका माइंड सेट हो गया, अगर भावना पैदा नही हुई, तो वो आपकी बातें केवल चाहत है।

किसी भी व्यक्ति का माइंड सेट तभी कर सकते है, जब हम इनसे सवाल पूछ कर इनके दिमाग में क्या चल रहा है, उसे समझ सके। उनके दिमाग का खरपतवार निकालने के बाद ही आप उनके दिमाग मे एक नया ड्रीम का बीज लगा पाएंगे ।

हम केवल अपनी बात समझाने की कोशिश करेंगे, तो शायद हम उनका माइंड सेट नहीं कर पाएंगे। 
हर व्यक्ति अपनी ज़रूरत को पूरा करने के लिए आपसे जुड़ना चाहता है, इसलिए अपनी बात रखने से पहले उनके वर्तमान जिंदगी में क्या चल रहा है, उसे समझना ज़रूरी है। 


क्या कुछ उदाहरण दे कर इसे समझा सकते है। 

बिलकुल, ये समझ लीजिये आपके टीम में कोई व्यक्ति है, जो सुबह उठ कर होटल चलाता है, रात को सुबह अपने होटल  की तैयारी करता है। 
इनका माइंड सेट करना है , कितना कठिन काम है उनको इस रूटीन से बाहर निकालना ही चाहिए।

जिस तरह हम मॉर्निंग एक्सरसाइज के लिए आधा घण्टे या एक घण्टा समय निकाल लेते है, उसी प्राथमिकता में हमे अपने भविष्य को बनाने के लिए 2 घण्टे निकालना ज़रूरी है।

अगर हमारे बातचीत में 2 घण्टा  समय निकालने की बात मेरा डाउन लाइन स्वीकार करता  है, तो ठीक है, वरना मैं उनको अच्छे प्रोडक्ट उपयोग करने के लिए ही प्रेरित करूंगा।
आप खुद सोचे अगर कोई व्यक्ति 2 घंटा  अपने भविष्य के लिए समय देने को तैयार नहीं है, तो उसके साथ आप कैसे काम कर पाएंगे।  इसलिए बातचीत में ही हमे उन सभी बातो को तय कर लेना चाहिए जिससे नए व्यक्ति को बिज़नेस के हर काम में आनंद लगे।  अगर ये बिज़नेस आपको बोझ लग रहा है तो आप उस से झुटकारा पाना चाहेंगे। 

E QUADRANT और  B QUADRANT का  माइंडसेट कैसे करे। 

आप अपने नए लोगो से ये सवाल ज़रूर पूछे।  E QUADRANT और  B QUADRANT से आप क्या समझते है। 

इ क्वाड्रेंट को हम एम्प्लोयी क्वाड्रेंट  कहते है। बी क्वाड्रेंट को हम बिज़नेस क्वाड्रेंट कहते है। 
इ क्वाड्रेंट और बी क्वाड्रेंट दोनों एक अलग दुनिया है। दोनों का माइंड सेट अलग है, दोनों की भाषा अलग है। इ क्वाड्रेंट के लोगो को बी क्वाड्रेंट की भाषा समझ नहीं आती है , उनमे  अपने एजुकेशन का ईगो होता है , अपने पद का ईगो होता है और बी क्वाड्रेंट के लोग शांत होते है, वे ईगो को लेकर  साथ  में नहीं चलते है। 

इ क्वाड्रेंट के लोग अपना समय लगा कर, अपने एजुकेशन को सेल्ल कर के इनकम बनाते है। इस इनकम को हम एक्टिव इनकम कहते है। 
बी क्वाड्रेंट के लोग अपने TEAM से पैसा बनाते है। वे अपने टीम को ट्रैन करते है,अपने टीम में लोगो को नए नए स्किल्स की ट्रेनिंग देते है ताकि  वे जीवन की , बिज़नेस की संभावित चुनोतियो का अच्छे से हैंडल कर सके। 

एम्प्लोयी रिटायर हो जाता  है और उसका कॅशफ्लो समाप्त हो जाता है।  , बिज़नेस ओनर कभी रिटायर नहीं होता है और उनका कॅश फ्लो पीढ़ियों में ट्रांसफर हो जाता है, लिगेसी बन जाता है। 
आपका समय, आपका मेहनत , आपका स्किल जो कुछ इस सिस्टम में आज निवेश कर रहे है वो आपके आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा काम आता रहेगा। अगर आपने इस बात को जीवन भर नहीं समझा तो आपकी पीढ़िया आपकी व्यक्तित्व की बहुत बड़ी कमज़ोरी समझेगी। 

लिवरेजिंग इनकम और पैसिव इनकम का माइंड सेट कैसे करे। 

आप अपने लीडर से पूछे , एक्टिव इनकम, लिवरेजिंग इनकम और पैसिव इनकम में क्या अंतर् होता है। 

E क्वाड्रेंट और S क्वाड्रेंट से लोग एक्टिव इनकम बनाते है। समय लगाना बंद तो इनकम बंद।  
बी क्वाड्रेंट में लोग लिवरेजिंग इनकम बनाते है। ये  इनकम हमे अपने टीम से मिलती है। जितनी बड़ी टीम , उतनी बड़ी हमारी लिवरेजिंग इनकम। लिवरेजिंग इनकम हमे अपने सिस्टम से मिलती है।  टीम को सिस्टम ही कण्ट्रोल करता है।  इसलिए टीम बनाने का सूत्र ये है की आप सिस्टम को अच्छे से प्रमोट करे। 

 ये टीम की जिम्मेवारी हमारी अगली पीढ़ी लेती है तो उनको भी लिवरेजिंग इनकम मिलती रहेगी। 
एमवे बिज़नेस में हमे लिवरेजिंग मिलती है, जो पीढ़ियों के लिए तैयार हो जाती है। 
पैसिव इनकम ,आई क्वाड्रेंट से मिलता है।  जब आप अपने पैसे बड़े बड़े बिज़नेस फर्म में निवेश करते है और आपकी इनकम वहाँ  से आता है, हम उसे पैसिव इनकम कहते है।  जब आप किसी मकान , जमीन को किराया में देते है , उस इनकम को भी पैसिव इनकम कहते है। 

अपलाइन  के साथ टीम बना कर काम करे,इसका माइंड सेट कैसे करे।

माइंड सेट करने की शुरुआत सवाल पूछने से होगी।  टीम बनाने का काम आसान है या मुश्किल। 

कुछ लोग टीम बनाने की शुरुआत करते है और कुछ दिनों के बाद छोड़ देते है, ये कहकर के मैं इसे कर नहीं पाउँगा , कुछ सालो स्ट्रगल करते रहते है , और कुछ लोग बहुत बड़ी टीम बना लेते है और डायरेक्ट सेल्लिंग इंडस्ट्री में बहुत ऊंचाई तक पहुंच जाते है।  ऐसा क्यों होता है, कुछ लोग बहुत सफल होते है और कुछ लोग टीम बनाने में स्ट्रगल करते है। इसका मुख्य कारण क्या है। 

टीम बनाना एक नया काम है।  किसी भी व्यक्ति को पहले ये असम्भव लगता है। 

टीम बनाने का बहुत बड़ा सूत्र ये है की अपने अप लाइन के साथ जोड़ी बनाना।  जो लीडर अपने अप लाइन के साथ जोड़ी बना कर काम करता है, वो बहुत जल्दी सफल हो जाता है। 
जोड़ी बनाने में जिनको दिक्क्त हो रहा है , वो टीम बनाने में स्ट्रगल कर रहे होते है। 

हर  प्रकार के  भेद भाव  से हम सभी को ऊपर उठना होगा। अपलाइन डाउन लाइन के साथ अगर कोई मन मुटाव हो गया है तो अप लाइन को चाहिए की वो अपने डाउन लाइन के साथ बैठ कर उनकी बात को ध्यान से सुन कर विश्वास का रास्ता निकाले। डाउन लाइन को अपने अप लाइन को हमेशा महत्पूर्ण होने का एहसास कराये। जब आप उन्हें महत्पूर्ण होने का फीलिंग देंगे तभी आपकी टीम भी आपके सबमिशन में रहेगी। 

फर्स्ट वीक गोल का माइंड सेट किस  प्रकार  करे  ।

सवाल   पूछने  से ही  किसी  व्यक्ति  के अंदर की  सोच बाहर आ सकती है और उनके अंदर  एक नई  सोच  पैदा की जा  सकती  है।  
 आप पूछिए अपने आप  से 3% से 21% अगर कोई तेजी  से पहुंचना  चाहे  तो उसे  कौन सी  आदत अपने अंदर  पैदा  करनी  होगी ।
अगर किसी को BFI पिन पर जाना है या किसी को BBI पिन पर जाना है तो उसे कौन सी आदत अपनी अंदर पैदा करनी होगी।  
 उनके जवाब को ध्यान से सुनिए और उनकी हर  बात की सराहना कीजिये और फिर BWW के बताये हुए नियम की बात कीजिये।  
दुनिया में जितने लोग एमवे बिज़नेस में सफल हुए है उनमे एक चीज़ समान्य पायी गयी है और वो है गोल सेटिंग की आदत।  वे सभी लीडर्स अपना फर्स्ट वीक गोल सेट करते थे और अपने टीम के हर लोगो को फर्स्ट वीक गोल लिख कर काम करने का माइंड सेट करते थे। 




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