अमिताभ बच्चन की रिजेक्शन और संघर्ष की कहानी
अमिताभ बच्चन, जिन्हें आज सदी के महानायक के रूप में जाना जाता है, उनका सफर संघर्ष और अस्वीकृति (Rejection) से भरा रहा है। उनकी आवाज़, लंबा कद और साधारण लुक की वजह से उन्हें शुरुआती दिनों में कई बार रिजेक्ट किया गया।
अमिताभ बच्चन जब ऑल इंडिया रेडियो (AIR) में बतौर समाचार वाचक (News Reader) के लिए गए, तो उनकी भारी आवाज़ के कारण उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। फिल्म इंडस्ट्री में भी उनकी शुरुआत आसान नहीं थी। उन्होंने कई बार ऑडिशन दिए, लेकिन प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स ने उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि उनका कद बहुत लंबा है और उनकी पर्सनालिटी हीरो के लायक नहीं है।
1969 में, उन्होंने फिल्म "सात हिंदुस्तानी" से बॉलीवुड में कदम रखा, लेकिन यह फिल्म ज्यादा सफल नहीं हुई। इसके बाद भी उन्हें लगातार असफलताओं का सामना करना पड़ा। 12 से अधिक फिल्मों में फ्लॉप देने के बाद लोग उन्हें "अफवाहों का हीरो" कहने लगे।
1973 में, "जंजीर" फिल्म ने उनकी किस्मत बदल दी। इस फिल्म में उनका गुस्सैल पुलिस अधिकारी का किरदार सुपरहिट हुआ, और उन्हें "एंग्री यंग मैन" का खिताब मिला। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अमिताभ बच्चन की कहानी हमें सिखाती है कि संघर्ष के बिना सफलता नहीं मिलती। हार मत मानो, क्योंकि असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी होती है।
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