हेल्थ प्लान दिखाने के लिए हमें क्या क्या याद रखना होगा ?
1. कुछ स्वास्थ सम्बंधित मुहावरे याद कर ले।
2. आधुनिक जीवन शैली पर चर्चा ।
3. NUTRILITE के EARN सिद्धांत पर चर्चा ।
4. सन्तुलित आहार पर चर्चा ।
5. न्यूट्रिसन गैप और लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर पर चर्चा ।
(कुछ सामान्य हेल्थ चैलेंज और पोषक तत्व )
6.NUTRILITE से बना पोषक तत्व ही क्यों।
( इन 6 बिंदु पर हमें हेल्थ प्लान दिखाना चाहिए )
2030 तक विश्व की सबसे बड़ी उद्योग वेलनेस उद्योग क्यो होगी ?
दुनिया की सबसे बडी उद्योग को हम ट्रिलियन डॉलर इंडस्ट्री कहते है।
आधुनिक जीवन शैली हमारी रोज की आदतों को पूर्ण रूप से बदल दिया है। 2030 ..तक दुनिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्री, वैलनेस इंडस्ट्री हो जाएगी। ट्रिलियन डॉलर इंडस्ट्री हो जाएगी। वैसे प्रोडक्ट जिससे विश्व का हर घर जुड़ जाए उसे हम ट्रिलियन डॉलर इंडस्ट्री कहते है।
हेल्थ प्लान की शुरुआत हमे किस तरह करनी चाहिए ?
कुछ मुहावरे से, जैसे :
क्या आप HEALTH IS WEALTH को मानते है।... या स्वस्थ जीवन ही असली धन हैं ।
क्या आप मानते है PREVENTION IS BETTER THAN CURE. या रोकथाम इलाज से बेहतर है।
क्या आप मानते है PREVENTION IS BETTER THAN CURE. या रोकथाम इलाज से बेहतर है।
क्या आप मानते है, HUMAN BODY IS AN AMAZING MACHINE .. या मानव शरीर चमत्कारिक मशीन है।
जिस तरह हम मशीन के कल पुर्जे को बदल कर ठीक कर लेते है उस तरह हम इंसान के शरीर के अंगों को नही बदल सकते है । अगर कही कुछ ऐसा हो रहा है, तो ये एक जटिल प्रक्रिया है। पर हमारे पास एक ही विकल्प है, अपने शरीर को स्वस्थ रखे। और इसी में समझदारी है।
आधुनिक जीवन शैली से आप क्या समझते है ?
आधुनिक जीवन सैली हमारे रहन सहन , खान पान , यहाँ तक की जीवन में तनाव को बहुत अधिक बढ़ा दिया है। इसे समझना बहुत ज़रूरी है। आज ज्यादतर स्वास्थ सम्बन्धी समस्या इसी कारण से हो रही है।
आधुनिक जीवन सैली हमारे रहन सहन , खान पान , यहाँ तक की जीवन में तनाव को बहुत अधिक बढ़ा दिया है। इसे समझना बहुत ज़रूरी है। आज ज्यादतर स्वास्थ सम्बन्धी समस्या इसी कारण से हो रही है।
हमारे जीवन शैली में निम्न बदलाव आ चुका हैं।
सिडानटरी लाइफ स्टाइल,
जंक फूड, फ़ास्ट फ़ूड,
रेफ्रिजरेशन ,
ओवर कुकिंग,
प्रदूषण, रासायनिक खेती,
सिंथेटिक दवाइयां
ये सब हमारे जीवन को खतरनाक दिशा में लेकर आगे बढ़ रहा है।
सेडानट्री जीवन सैली से आप क्या समझते है ?
सेडानट्री जीवन सैली से आप क्या समझते है ?
सेडानट्री जीवन सैली यानि सुस्त जीवन सैली। लोग आराम तलब हो गए है। व्यायाम दिनचर्या से लगभग गायब हो चूका है। मोबाइल, कंप्यूटर में ही सब काम हो जा रहा है। यहाँ तक की बच्चे हो या बड़े सभी मोबाइल में ही गेम खेल रहे है।
सेडानट्री जीवन व्यायाम न करने से, एवम टेक्नोलजी का अधिक से अधिक उपयोग करने से जीवन सेडानट्री होती जा रही है। हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता जाता है।
परिवार में या कार्य स्थल पर तनाव बहुत बढ़ गया है।
रात को देर तक सोना और सुबह देर उठना, पूरा जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है।
इसी डिसआर्डर से हमारे शरीर का मेटाबोलिज्म प्रभावित हो रहा है और हमारे शरीर में मधुमेह, ह्रदय रोग, थाइरोइड , ओबेसिटी, कैंसर, पथरी , यूरिक एसिड , पाइल्स इत्यादि जैसी बीमारी जन्म ले रही है।
जंक और फ़ास्ट फ़ूड से आप क्या समझते है ।
जंक फूड पैकेट में हमे परोसा जाता है। फ़ास्ट फ़ूड तेल में डीप फ्राई कर के परोसा जाता है। जंक और फ़ास्ट फ़ूड से हमे ऊर्जा तत्काल मिल जाता है, पर पोषक तत्व नही मिलता। अगर फ़ास्ट और जंक फूड की आदत लग गयी तो हमारे शरीर का इम्मयून सिस्टम कमज़ोर होता जाता है।
इम्यून सिस्टम से आप क्या समझते है ?
हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता , बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की क्षमता को इम्यून सिस्टम कहते है।
बैड बैक्टीरिया और वायरस हमारे चारों तरफ पाए जाते है, हवा, पानी या बासी भोजन, खुला हुआ भोजन, हर जगह पाए जाते है, हर दिन उनका सामना हमारे इम्यून सिस्टम से होता है। अगर हमारा इम्मयून सिस्टम कमज़ोर होगा तो हम बीमार पड़ जाते है। शरीर मे डिसऑर्डर पैदा होगा।
रेफ्रिजरेशन से आप क्या समझते है ?
रेफ्रिजरेशन से आप क्या समझते है ?
हम खाद्य पदार्थों को कोल्ड स्टोरेज या घर मे फ्रिज में रखते है, ताकि हमारा खाद्य प्रदार्थ ताजा दिखे। इस परिक्रिया को रेफ्रिजरेशन कहते है।
खेत से खाद्यपदार्थ सीधा देश के बड़े बड़े कोल्ड स्टोरेज में पहुँचता है। फिर कोल्ड स्टोरेज से हमारे बाजार में, फिर बाजार से हमारे घर के फ्रिज में।
रेफ्रिजरेशन से खाद्य पदार्थ ताजा दिखता है, पर इसके पोषक तत्व नष्ट हो जाते है। हमे भोजन तो मिलता है, पर उस भोजन में पोषक तत्व गायब है। पोषक तत्व की कमी से हमारा इम्यून सिस्टम प्रति दिन कमज़ोर होता जा रहा है। और हमारा स्वास्थ प्रभावित हो रहा है।
ओवर कुकिंग से आप क्या समझते है ?
खाना को इस हद तक पकाते रहना की उसका पोषक तत्व पूरा नष्ट हो जाये , इसे ओवर कुकिंग कहते हैं।
आज प्रेशर कुकर में खाना बनाना सामान्य बात है। प्रेसर भोजन के पोषक तत्व को नष्ट कर देता है। प्रेशर की सिटी पोषक तत्व नष्ट होने का संकेत है। आज टेस्ट (taste )इस तरह हावी हो गया है की हमे प्राकृतिक टेस्ट (taste) भूल से गए है। तेल का उपयोग हमारे भोजन को अम्लीय बनाता है। ज्यादा अम्लीय भोजन, हमारे शरीर में अधिक फ्री रेडिकल्स पैदा करता है, और हमारे कोशिकाएं की क्रिया में बिगाड़ पैदा होता है। हर 2 लेडी में एक लेडी आपको अनेमिक मिलेगी, यानी हीमोग्लोबिन की कमी पाई जा रही है। हमारे बीमारी का मुख्य कारण हमारा किचन बन चुका है।
इसलिए स्वस्थ और टेस्टी भोजन के लिए हमे जीरो आयल कुकिंग की तरफ लौटना पड़ रहा है।
प्रदूषण से आप क्या समझते है ।
प्रदूषण आज सामान्य बात है। कोयला उद्योग हो, पावर प्रोजेक्ट, या स्टील उद्योग, या सीमेंट उद्योग या फिर ऑटो मोबाइल्स उद्योग। टू व्हीलर , फोर व्हीलर, या और भी बड़ी गाड़िया की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। प्रदूषण बढ़ रहा है, प्रदूषण से फ्री रेडिकल्स की मात्रा वायु मंडल में बढ़ती जा रही है। फ्री रेडिकल्स कोशिकाएं का कार्य में व्यवधान पैदा कर रहा है। जिसके वजह से बहुत सी डिजेनेरेटिव बीमारियां हमारे शरीर में पैदा हो रहा है, जैसे डायबिटीज, कार्डियो वस्क्युलर बीमारियां, थयोरोइड,कैंसर वगैरह वैगरह। हम अपना बचाव किस प्रकार कर सकते है, ये बहुत बड़ा सवाल हमारे जीवन में खड़ा है।
रासायनिक खेती से आप क्या समझते है ?
रसायनिक खेती आज सामान्य बात है। हमारा भोजन विषैला होता जा रहा है। रासायनिक यूरिया की मात्रा हर साल बढ़ता जा रहा है, जमीन बंजर होती जा रही है। केचुए खेत में नज़र नही आ रहे है। शक्तिशाली कीटनाशक का उपयोग दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। हमे टमाटर तो मिल रहा है, पर टमाटर का पोषक तत्व गायब है, हमे खीरा तो मिल रहा है पर पोषक तत्व गायब है, केला हो या आम इसे कार्बाइड से पकाया जा रहा है। जैविक खेती बहुत महंगी है, और हमे हमारे खाने में जहर परोसा जा रहा है। फ्री रेडिकल्स हमारे सेल की क्रिया को नष्ट कर रहे है। हमारा इम्यून सिस्टम दिन पर दिन कमज़ोर होता जा रहा है। हम सभी को इस समस्या का विकल्प ढूंढना ही है।
सिंथेटिक दवाइयां से आप क्या समझते है ?
हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है, इसका प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। जिसके वजह से तरह तरह की बीमारी हमारे शरीर मे पैदा हो रहा है। दवा खाते है, किसी एक बीमारी को ठीक करने के लिए और हमे दूसरी बीमारी हो जाती है। लोग अस्पताल का चक्कर काट काट के परेशान हो चुके है। लोग कहते पाए गए है, भगवान किसी को ये बीमारी न दे, किसी को अस्पताल के चक्कर में न फसाए। सिंथेटिक दवाइया की सुपाच्यता बहुत कम होती है, इसलिए ये दवाइयां हमारे शरीर में टॉक्सिन्स बहुत पैदा करती है, ये टॉक्सिन्स शरीर से बाहर नही हो पाया तो हमें कोई दूसरी बीमारी की सम्भावना बढ़ जाती है, साइड इफ़ेक्ट की सम्भावना बढ़ जाती है ।
EARN से आप क्या समझते है ?
EARN सिद्धान्त से हम स्वस्थ जीवन शैली हमेशा हमेशा के लिए बनाए रखते है।
इस नियम का पालन करने से हमारे शरीर का टोक्सिन्स दैनिक रूप में पसीने से बाहर हो जाता है। EARN सिद्धान्त से हमारे शरीर की ग्रन्थियां से एन्ज़ाइमस और हार्मोन्स का रसाव सन्तुलित मात्रा में होता रहता हैं , जो हमारे शरीर मे रखरखाव में मदद करता है।
EARN सिद्धान्त को अब हम थोड़ा विस्तार से समझते है।
एक्सरसाइज हमे रोज 30 मिनट क्यो करना चाहिए ?
E ..EXERCISE हर रोज 30 मिनट लगातार , बिना रुके चलना चाहिए। इतना चलने से आपके शरीर से पसीना निकलना शुरू हो जाता है। आपके शरीर की छिद्र खुल जाते है, जो स्वस्थ जीवन के लिए ज़रूरी है। पसीने से हमारेे शरीर के केमिकल्स बाहर आते। शरीर के टॉक्सिन्स बाहर आते है।
और हमारे शरीर मे एंजाइम और हार्मोन्स पैदा करने में मदद करता है।
और हमारे शरीर मे एंजाइम और हार्मोन्स पैदा करने में मदद करता है।
एटीट्यूड से आप क्या समझते है, और हमे ये स्वस्थ रहने में किस तरह मदद करता है ?
A .. ATTITUDE , मतलब हमारी सोच। हमारे शरीर मे कई ग्रंथियां होती है, जिनके रसाव से हम स्वस्थ रहते है या अस्वस्थ होते है। हमारे ग्रंथियां का रसाव हमारे सोच पर निर्भर करती है। अगर हम पॉजिटिव सोचते है, ग्रंथियां में केमिकल का रसाव हमे स्वस्थ रखते है। अगर हम नेगेटिव सोचते है तो हमारे ग्रन्थियां का रसाव हमे बीमार, हमे जल्दी बुढ़ापे की तरफ ले जाते है।
जॉब में तनाव बहुत सामान्य बात हो गयी है।
और इसलिए आज लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर बहुत सामान्य बात है।
जॉब में तनाव बहुत सामान्य बात हो गयी है।
और इसलिए आज लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर बहुत सामान्य बात है।
6 से 8 घण्टा आराम करना रोज क्यो ज़रूरी है ?
R ..REST हमारे शरीर का पूरे तरीके से मेंटेनेंस ठीक तरीके से हो सके इसलिए हम दिन में 6 से 8 घण्टा नींद ( आराम ) करना चाहिए।
जब हम 6 से 8 घण्टा नींद करते है तो इसी समय हमारे शरीर का पूरा पूरा डिटॉक्सीफिकेशन होता रहता है।
और हम एक स्वस्थ जीवन शैली को अपना सकते है।
न्यूट्रीशन क्या होता है, और ये हमे स्वस्थ रहने में किंस तरह मदद करता है ?
N..NUTRITION.. हम जो भोजन खाते है, उससे हमे पोषक तत्व प्राप्त होता है, जो हमे स्वस्थ रखने में मदद करता है। फल, सब्जियां से पहले जूस निकाला जाता है, फिर उसे पाउडर और फिर टेबलेट फॉर्म में लाया जाता है, हमे न्यूटिशन टेबलेट के फॉर्म में मिलता है, जिसे हम फ़ूड सप्लीमेंट कहते है।
WHO का इस सम्बन्द्ध में एक गाइड लाइन है।
हम सभी को पोषक तत्व RDA मात्रा में रोज लेना चाहिए। Recommended Daily Amount , ये वो मात्रा है, जिसे हमे अपने बॉडी को रोज देना चाहिए, ताकि किसी भी पोषक तत्व की कमी हमारे शरीर मे न हो।
हम सभी को पोषक तत्व RDA मात्रा में रोज लेना चाहिए। Recommended Daily Amount , ये वो मात्रा है, जिसे हमे अपने बॉडी को रोज देना चाहिए, ताकि किसी भी पोषक तत्व की कमी हमारे शरीर मे न हो।
120 प्रकार की बीमारी हमारे शरीर मे किसी न किसी पोषक तत्व की कमी से हो सकती है।
न्यूट्रिशन कितने प्रकार का होता है ?
न्यूट्रिशन या पोषक तत्व 5 प्रकार का होता है। कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन, फैट्स, विटामिन्स और मिनरल्स।
CARBOHYDRATE ( कार्बोहायड्रेट )
कार्बोहाइड्रेट ...हमे ऊर्जा प्रदान करता है।, जिसके वजह से हम रोज मर्ड्रा का काम करते है। हमे खेलने के लिए , काम करने के लिए , पढ़ने के लिए, चलने फिरने के लिए ऊर्जा चाहिए , और ये हमे कार्बोहाइड्रेट से ही प्राप्त होता है। चावल और गेहूं में हमे कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में मिलता है।
अगर हम अपने केलोरी (ऊर्जा) intake को पूरा पूरा उपयोग नही कर पाए, तो वो फैट के रूप में शरीर मे बैठने लगता है। और हमारे शरीर मे मोटापा नज़र आने लगता है।
PROTEIN ( प्रोटीन )
प्रोटीन से आप क्या समझते है। इसके उपयोग से हमारे शरीर को किस तरह का लाभ मिलता है।
हमारे शरीर का प्रत्येक भाग कोशिकाओं से बना है। हमारे मांस पेशियां, हमारी हड्डियां, हमारे बाल, हमारा नाखून इत्यादि सभी का मुख्य तत्व प्रोटीन ही होता है।
हमारा शरीर ट्रिलियनस कोशिकाओं से बना है। कोशिकाएँ हमारे शरीर का सबसे छोटा यूनिट होता है।
हमारे शरीर का सबसे महत्पूर्ण कार्य, हमारे कोशिकाओं में ही होता है। हम जो भोजन खाते है, वो खून के माध्यम से हमारे कोशिकाओं में पहुँचता है, और कोशिकाओं में ही शरीर की ऊर्जा और शरीर का मल पैदा होता है।
कोशिकाओं को हमारे शरीर का पावर हाउस कहा जाता है।
प्रोटीन .. हमारे शरीर का मुख्य तत्व है। हमारा बाल, हमारा हड्डियां, हमारा नाखून, हमारा कान, हमारा नाक,हमारे शरीर का हर पार्ट हर चीज़ प्रोटीन से बना है।
प्रोटीन का उपयोग करने से हमारे शरीर में कमज़ोर सेल्स मज़बूत सेल्स से रिप्लेस होता रहता है। ( Weak cells are replaced by strong cells )
प्रोटीन का उपयोग करने से हमारे शरीर में कमज़ोर सेल्स मज़बूत सेल्स से रिप्लेस होता रहता है। ( Weak cells are replaced by strong cells )
कार्बोहायड्रेट और फैट्स हमारे शरीर में कमज़ोर सेल्स (weak cells ) पैदा करता है। आप जितना ज्यादा प्रोटीन लेते है आप का शरीर अंदर से मज़बूत होता जाता है। स्ट्रांग सेल्स हमारे इम्युनिटी को बनाये रखता है। हमारे शरीर का अंदर से बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती रहती है।
अगर आप अंदर से कमज़ोर महसूस कर रहे है, यानी आपके शरीर मे कमज़ोर सेल्स ज्यादा बन रहे है। प्रोटीन का उपयोग करने से आप के शरीर मे स्ट्रांग सेल्स बनना शुरू हो जाएगा, और आप स्वस्थ महसूस करेंगे।
प्रोटीन का मुख्य काम निम्न है,
1 GROWTH , शरीर का समपूर्ण विकास
2 REPAIRING & MAINTENANCE OF CELLS, सेल्स की रिपेयरिंग एवं मरम्मत
बढ़ते हुए बच्चों को सबसे ज्यादा जिस पोषक तत्व की ज़रूरत होती है, वो है प्रोटीन और कैल्शियम ।
क्योंकि बढ़ते हुए बच्चो के मसल्स में खिंचाव की प्रक्रिया होती रहती है, अंग्रेज़ी में हम इसे wear and tear कहते है। जब मसल्स का वियर एंड टीअर सबसे ज्यादा होता है, हमे उच्च क्वालिटी की प्रोटीन लेनी होती है । इससे बच्चो के शरीर का विकास सबसे अच्छी तरीके से हो पायेगा।
प्रेग्नेंट और लकटेटिंग वीमेन ( गर्भवती महिलाएं और दुध पिलाती मां ) के शरीर मे सबसे ज्यादा वियर एंड टियर होता है, इस समय इन्हें RDA मात्रा में प्रोटीन , आयरन और कैल्शियम लेना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। प्रोटीन नए सेल्स निर्माण करने में मदद करता है, और कमजोर सेल्स को स्ट्रांग सेल्स से रिप्लेस करता है, सेल्स की मरम्मत करता है, और शरीर के स्वस्थ रखने में मदद करता है।
क्योंकि बढ़ते हुए बच्चो के मसल्स में खिंचाव की प्रक्रिया होती रहती है, अंग्रेज़ी में हम इसे wear and tear कहते है। जब मसल्स का वियर एंड टीअर सबसे ज्यादा होता है, हमे उच्च क्वालिटी की प्रोटीन लेनी होती है । इससे बच्चो के शरीर का विकास सबसे अच्छी तरीके से हो पायेगा।
प्रेग्नेंट और लकटेटिंग वीमेन ( गर्भवती महिलाएं और दुध पिलाती मां ) के शरीर मे सबसे ज्यादा वियर एंड टियर होता है, इस समय इन्हें RDA मात्रा में प्रोटीन , आयरन और कैल्शियम लेना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। प्रोटीन नए सेल्स निर्माण करने में मदद करता है, और कमजोर सेल्स को स्ट्रांग सेल्स से रिप्लेस करता है, सेल्स की मरम्मत करता है, और शरीर के स्वस्थ रखने में मदद करता है।
RDA से आप क्या समझते है ? प्रोटीन का RDA शरीर की अलग अलग अवस्था मे किंस तरह होता है।
RDA का अर्थ रेकमेंडेड डेली अमाउंट , हमारी शरीर की रोज की आवश्यक पोषक तत्व की मात्रा , जो स्वस्थ रहने के लिए ज़रूरी होता है।
प्रोटीन का RDA ( रोज लेने की मात्रा ) .. आपके वजन पर निर्भर करता है।
नार्मल व्यक्ति 1 gm / kg body wt. अगर किसी का वजन 60 kg है तो उसे 60 gm प्रोटीन रोज लेना होगा।
बढ़ते हुए बच्चें .... 2gm/ kg body weight, बढ़ते हुए बच्चों का वजन 15 kg है, तो उस बच्चे को 30 gm प्रोटीन लेना होगा।
गर्भवती महिलाएं ...2gm / kg body weight, यहाँ पर अगर गर्भवती महिलाएं, का वजन 60 kg है, तो उन्हें 120 gm प्रोटीन की ज़रूरत होती है।
दूध पिलाती माँ ......2gm / kg body weight
नार्मल व्यक्ति 1 gm / kg body wt. अगर किसी का वजन 60 kg है तो उसे 60 gm प्रोटीन रोज लेना होगा।
बढ़ते हुए बच्चें .... 2gm/ kg body weight, बढ़ते हुए बच्चों का वजन 15 kg है, तो उस बच्चे को 30 gm प्रोटीन लेना होगा।
गर्भवती महिलाएं ...2gm / kg body weight, यहाँ पर अगर गर्भवती महिलाएं, का वजन 60 kg है, तो उन्हें 120 gm प्रोटीन की ज़रूरत होती है।
दूध पिलाती माँ ......2gm / kg body weight
इस मात्रा में प्रोटीन लेना अनिवार्य है, ताकि शरीर मे किसी प्रकार की समस्या न आये। और हम अलग अलग अवस्था में स्वस्थ रह सकते है।
FAT ( वसा ) से आप क्या समझते है ? वसा कितने प्रकार का होता है । वसा शरीर मे ये किस तरह काम करता है।
फैटस को हम वसा भी कहते है, वसा दो प्रकार का होता है। गुड फैट और बैड फैट.. ओमेगा 3 को हम गुड फैट कहते है और ओमेगा 6 को हम बैड फैट कहते है।
खून के अंदर फैट्स को लिपिड कहते है।
दोनों ही फैट हमारे शरीर में ज़रूरी होता है , ओमेगा 6 हमारे शरीर में कंबल का काम करता है, हमारे शरीर को बदलते हुए मौसम से बचाव करता है। पर यही ओमेगा 6 जब आर्टरीज में बैठने लगता है, तो ब्लॉकेज पैदा करता है जो हमारे हार्ट अटैक का कारण बन जाता है। आर्टरीज में ब्लॉकेज उत्पन्न करने के कारण ओमेगा 6 को बैड फैट कहा जाता है।
ओमेगा 3 , ओमेगा को आर्टरीज में बैठने नहीं देता है, उसकी सफाई करता रहता है, इसलिए ओमेगा ३ को गुड फैट खा जाता है।
फैट्स का RDA ( रोज लेने की मात्रा ) .. किस मात्रा में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 लेना है।
OMEGA 3 : OMEGA 6 = 1 : 5 -10
एक हिस्सा अगर हम ओमेगा 3 ले रहे है तो ओमेगा 6 ... 5 से 10 हिस्सा लेना होगा।
OMEGA 3 को हम गुड़ फैट्स कहते है। ओमेगा 3 , बादाम, आखरोट, सलमन मछली , लहसुन इत्यादि में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।
OMEGA 6 को हम बैड फैट्स कहते है। ये दूध, घी, मखन, मलाई, पनीर, मटन, मुर्गा, अंडा में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
अगर हम ओमेगा 3 की 1 यूनिट ले रहे है तो ओमेगा 6 की 5 से 10 यूनिट ले सकते है। ये WHO की RDA मात्रा है जो हमे स्वस्थ रहने में मदद करता है।
अगर इस मात्रा में हम फैट्स के उपयोग रोज कर रहे है तो हार्ट प्रॉब्लम की शिकायत , ब्लड प्रेशर की शिकायत , आर्टरीज ब्लॉकेज की शिकायत नही होगी।
बाल झड़ने की, सास फूलने की शिकायत से आप निजात पा सकते है।
अगर हम ओमेगा 3 की 1 यूनिट ले रहे है तो ओमेगा 6 की 5 से 10 यूनिट ले सकते है। ये WHO की RDA मात्रा है जो हमे स्वस्थ रहने में मदद करता है।
अगर इस मात्रा में हम फैट्स के उपयोग रोज कर रहे है तो हार्ट प्रॉब्लम की शिकायत , ब्लड प्रेशर की शिकायत , आर्टरीज ब्लॉकेज की शिकायत नही होगी।
बाल झड़ने की, सास फूलने की शिकायत से आप निजात पा सकते है।
विटामिन्स और मिनरल्स का हमारे शरीर में मुख्य क्या काम है ?
विटामिन्स और मिनरल्स को हम माइक्रो न्यूट्रिएंट भी कहते है। हमारे शरीर मे इसकी जरूरत बहुत कम मात्रा में होती है, पर ये हमारे शरीर के अंदर विभिन्न प्रकार की रासयनिक क्रियाए में अनिवार्य है। इसकी कमी से हमारे शरीर मे कई प्रकार का रोग पैदा हो जाता है।
हमारे शरीर मे विटामिन्स और मिनरल्स सुरक्षा प्रदान करता है। 13 विटामिन्स और 11 मिनरल्स हमे हर रोज न्यूनतम मात्रा (RDA) में लेना जरूरी है।
पोषक तत्व की कमी से ही 90% बीमारी होती है. पोषक तत्वों की कमी हमारे शरीर में न्यूट्रिशन गैप पैदा करता है।
हमें RDA मात्रा में पोषक तत्व लेने से न्यूट्रिशन गैप पर कंट्रोल बनाने में मदद करता है। और इस तरह हम एक स्वस्थ जीवन शैली अपना सकते है।
हमें RDA मात्रा में पोषक तत्व लेने से न्यूट्रिशन गैप पर कंट्रोल बनाने में मदद करता है। और इस तरह हम एक स्वस्थ जीवन शैली अपना सकते है।
न्यूट्रिसन गैप किसे कहते है ? शरीर मे न्यूट्रिशन गैप से क्या प्रभाव पड़ता है। न्यूट्रिशन गैप पर हम किस तरह नियंत्रण बना सकते है।
हमे रोज जितना आवश्यक पोषक तत्व चाहिए, अगर उतना नही ले पा रहे है, तो हमारे शरीर में न्यूट्रिशन गैप बनना शुरू हो जाएगा।
न्यूट्रिशन गैप से हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है।
आज की जीवन शैली के कारण न्यूट्रिसन गैप हमारे शरीर मे हर दिन बढ़ता जा रहा है। 90% बीमारियां आज जो हम देख रहे है पोषक तत्वों की कमी से हो रही है।
न्यूट्रिशन गैप पर नियंत्रण हम डाइटरी सप्लीमेंट से बना सकते है।
NUTRILITE कम्पनी ने विशेष पोषक तत्व RDA मात्रा में तैयार किया है ताकि हम वैज्ञानिक तरीके से अपने न्यूट्रिशनल गैप पर नियंत्रण बना सके, और एक स्वस्थ जीवन शैली बना सके। और दूसरों को हम न्यूट्रिशन और न्यूट्रिशनल गैप और फ़ूड सप्लीमेंट के बारे में एजुकेट करते रहे, ताकि समाज मे लोग फ़ूड सप्लीमेंट से न्यूट्रिशनल गैप पर नियंत्रण बना कर स्वस्थ जीवन शैली अपना सके।
हेल्थ प्लान का समापन किस तरह करें ?
किस तरह न्यूट्रिशन हमारे स्वास्थ्य की देखभाल करने में मदद कर रहा है, उसकी चर्चा कर ले ।
जैसे महिलाओं के स्वस्थ जीवन शैली के लिए कौन कौन सा न्यूट्रिशन उपयोगी होता है, बच्चो के स्वस्थ जीवन शैली के लिए कौन कौन सा पोषक तत्व उपयोगी होता है। इसी तरह बड़े बुजुर्ग के स्वस्थ जीवन शैली के लिए कौन कौन सा पोषक तत्व उपयोगी होता है। ब्रेन हेल्थ के लिए कौन कौन सा पोषक तत्व उपयोगी होता है। हेल्दी जॉइंट्स के लिए कौन कौन सा पोषक तत्व उपयोगी होता है। बोन हेल्थ के लिए कौन कौन सा पोषक तत्व उपयोगी होता है। हार्ट हेल्थ के लिए कौन कौन सा पोषक तत्व उपयोगी होता है। विज़न हेल्थ के लिए कौन कौन सा पोषक तत्व उपयोगी होता है। हेल्दी लिपिड प्रोफाइल के लिए कौन कौन सा पोषक तत्व उपयोगी होता है। हेल्दी हीमोग्लोबिन के लिए कौन कौन सा पोषक तत्व उपयोगी होता है। रेस्पिरेटरी हेल्थ के लिए कौन कौन सा पोषक तत्व उपयोगी होता है। ग्लूकोज़ हेल्थ के लिए कौन कौन सा पोषक तत्व उपयोगी होता है।
भोजन को अपना दवा हम किस तरह बना सकते है ?
जब हम फ़ूड सप्लीमेंट का सेवन समझदारी से करते है, तो वो हमारे शरीर मे दवा का काम करता है। हमे पता होता है, हम क्या खा रहे है और हमे क्या खाना चाहिए। जब कोई विशेष भोजन का सेवन नही कर रहे है, जिसकी वजह से शरीर मे डिसऑर्डर की संभावना नज़र आने लगती है, तो हमे समझ लेना चाहिए, की हम कोई विशेष पोषक तत्व की कमी से डिसऑर्डर पैदा हो रहा है, और जब हम इस पोषक तत्व को लेना शुरू करते है, तो हमे आराम मिलना शुरू ही जाता है। सप्लीमेंट एक आधुनिक विज्ञान है। धीरे धीरे लोग समझ रहे है और लाभान्वित हो रहे है।
फ़ूड सप्लीमेंट से हम हो नुट्रिसन गैप पर अच्छी तरह नियंत्रण बना सकते है और एक स्वस्थ जीवन सैली अपना सकते है । भोजन से जो पोषक तत्व की कमी हमारे शरीर को हो रही है , हम उसे फ़ूड सप्लीमेंट से पूरा कर सकते है।
न्यूट्रीलाइट कम्पनी का ही सप्लीमेंट लेना क्यो ज़रूरी है ?
न्यूट्रीलाइट सबसे पुराना और सबसे विश्वसनीय ब्रांड है।
NUTRILITE की शुरुआत 1934 में हुई थी। हमे 86 सालो का तज़ुर्बा प्राप्त है।
NUTRILITE का फार्म 100% सर्टिफाइड होता है। पोषक तत्व से भरपूर होता है।
न्यूट्रीलाइट के सप्लीमेंट जैविक खेती से प्राप्त होता है, सब कुछ प्राकृतिक होता है, कोई पेस्टिसाइड या रासायनिक खाद्य का उपयोग नही करते।
न्यूट्रीलाइट के सप्लीमेंट जैविक खेती से प्राप्त होता है, सब कुछ प्राकृतिक होता है, कोई पेस्टिसाइड या रासायनिक खाद्य का उपयोग नही करते।
100 % सुरक्षित है। किसी साइड इफ़ेक्ट का डर नही होता है। न्यूट्रीलाइट सप्लीमेंट 90% सुपाच्य होता है, ब्लड में तत्काल मिल जाता है, इसका लाभ हमे शीघ्र नज़र आने लगता है। इसके विपरीत सिंथेटिक सप्लीमेंट लेने से, इसकी सुपाच्यता कम होती है, 20 - 30% ही अवशोषित हो पाता है और शरीर मे टॉक्सिन्स अधिक पैदा होता है, साइड इफ़ेक्ट की संभावना बढ़ जाती है।
होल प्लांट कांसेप्ट पर न्यूट्रीलाइट के प्रोडक्ट तैयार किये जाते है। प्लांट के सभी पार्ट से इसके पोषक तत्व तैयार किये जाते है।
न्यूट्रीलाइट सप्लीमेंट बीमारियों को रिवर्स आर्डर में ले आता है।
इसमे किसी तरह का पेस्टिसाइड या केमिकल का उपयोग नही किया जाता है।
1000 से अधिक वैज्ञानिक तीन शिफ्ट में न्यूट्रिशन पैदा करने में लगे है। जिस तरह बिजली, कोयला, सीमेंट तीन शिफ्ट में पैदा हो रहा है, उसी प्रकार न्यूटिशन तीन शिफ्ट में पैदा हो रहा है, ये हम सभी के लिए गौरव की बात है। इसके 1000 से ज्यादा पेटेंट्स है और 1000 से ज्यादा वैज्ञानिक है।
1000 से अधिक वैज्ञानिक तीन शिफ्ट में न्यूट्रिशन पैदा करने में लगे है। जिस तरह बिजली, कोयला, सीमेंट तीन शिफ्ट में पैदा हो रहा है, उसी प्रकार न्यूटिशन तीन शिफ्ट में पैदा हो रहा है, ये हम सभी के लिए गौरव की बात है। इसके 1000 से ज्यादा पेटेंट्स है और 1000 से ज्यादा वैज्ञानिक है।
न्यूट्रीलाइट के सप्लीमेंट एक ग्लोबल ब्रांड है । दुनिया भर के लोग न्यूट्रीलाइट सप्लीमेंट पर अपना विश्वास बना चुके है, भारत मे भी लोग न्यूट्रीलाइट सप्लीमेंट का लाभ ले रहे है।
दुनिया की बड़ी बड़ी सर्वे ऐजेंसी न्यूट्रीलाइट के बारे में क्या कहती है ?
यूरोमॉनिटर .. दुनिया की नंबर एक सर्वे एजेंसी वो नुट्रिलाइट कम्पनी को दुनिया में पोषक तत्व सेल्स की नंबर एक कंपनी अपने रिपोर्ट में बताई है।
विश्व स्वास्थ संगठन के RDA गाइड लाइन को नुट्रिलाइट कंपनी फॉलो करता है।
एमवे नुट्रिलाइट के प्रोडक्ट पर 100% संतुष्टि की गारंटी मिलती है। 30 दिनों में 30 % प्रोडक्ट उपयोग करने के बाद संतुष्ट न होने पर आप खुला हुआ प्रोडक्ट कंपनी को वापस कर के पूरा पैसा ले सकते है।
विश्व स्वास्थ संगठन के RDA गाइड लाइन को नुट्रिलाइट कंपनी फॉलो करता है।
एमवे नुट्रिलाइट के प्रोडक्ट पर 100% संतुष्टि की गारंटी मिलती है। 30 दिनों में 30 % प्रोडक्ट उपयोग करने के बाद संतुष्ट न होने पर आप खुला हुआ प्रोडक्ट कंपनी को वापस कर के पूरा पैसा ले सकते है।
हेल्थ प्लान का समापन कुछ डेमो के साथ करे ..आयरन डेमो, विटामिन सी , डेली डेमो।
और इस इंडस्ट्री का भविष्य क्या है इस डाटा से समझ ले,
1995 हेल्थ & वेलनेस इंडस्ट्री का टर्नओवर 65000 करोड़।
2020 में ये इंडस्ट्री 125000 करोड की हो गयी।
2025 में ये इंडस्ट्री 500000 करोड़ की होने वाली है।
आप कल्पना कर सकते है, अपनी सफलता और अपना भविष्य।
इस इंडस्ट्री में खुद को शामिल तो करना ही चाहिए और बहुत सारे लोगो की मदद हमे करनी चाहिए।
अगला हेल्थ प्लान का डेट आज ही सेट कर ले।
मेरी शुभकामनाये।
सवाल : ( इन सवालों का जवाब लिख कर अपना नोट्स तैयार कर ले )
1. हेल्थ प्लान दिखाने का स्ट्रक्चर क्या है।
2. 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्री कौन सी होगी।
3. हेल्थ प्लान की शुरुआत किंस तरह करनी चाहिए।
4. आधुनिक जीवन सैली हमारे जीवन को किस तरह प्रभावित किया है।
2. 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्री कौन सी होगी।
3. हेल्थ प्लान की शुरुआत किंस तरह करनी चाहिए।
4. आधुनिक जीवन सैली हमारे जीवन को किस तरह प्रभावित किया है।
5. आधुनिक जीवन शैली से आप क्या समझते है।
6. नुट्रिलाइट के गाइड लाइन EARN से आप क्या समझते है।
7. सन्तुलित आहार से आप क्या समझते है।
8. RDA से आप क्या समझते है।
9. प्रोटीन का हमारे शरीर मे क्या काम होता है। प्रोटीन का RDA क्या होता है।
10. फैट्स कितने प्रकार का होता है।
11. आर्टरीज का ब्लॉकेज किंस फैट के कारण होता है।
12. ओमेगा 3 को गुड फैट क्यो माना गया है।
13. हमारे शरीर मे कम्बल का काम कौन सा फैट करता है।
14. न्यूट्रिसन गैप और लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर से आप क्या समझते है ।
15. फ़ूड सप्लीमेंट से आप क्या समझते है ।
16. नुट्रिलाइट से बना पोषक तत्व ही क्यों ।
17. स्वास्थ सम्बन्धी तीन मुहावरे लिखे।
18. यूरोमॉनिटर किसे कहते है। इसने नुट्रिलाइट के बारे में क्या कहाँ है।
19 .न्यूट्री लाइट के प्रोडक्ट लेने के पांच कारण बताए।
20. हेल्थ प्लान का समापन किस तरह होना चाहिए।
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