Saturday 3 December 2016

ESBI ..CASHFLOW QUADRANT

ESBI  CASHFLOW QUADRANT 

दुनिया में पैसे चार तरीके से कमाया जा सकता है , इसे हम ESBI कहते है। एम्प्लोयी, सेल्फ एम्प्लॉयड , बिज़नेस ओनर, इन्वेस्टर। 
दुनिया के हर विद्यार्थी को ये मालूम होना चाहिए।  इन चार कोआड़रेंट में क्या क्या फर्क होता है , उसे समझना सभी के लिए ज़रूरी है। बहुत सारे लोग पैसे कमाने के इस ज्ञान से वंचित रह जाते है और इसलिए वो जीवन भर औसत जीवन जी पाते है। 

जो काम हम कर रहे है उस काम की समझ बहुत ज़रूरी है। आर्थिक साक्षरता जिसे हम फाइनेंसियल लिटरेसी कहते है CASH FLOW कोआड़रेंट से समझ सकते है।

CASHFLOW 
कोआड़रेंट  को हम  E S B I कोआड़रेंट  में बाट सकते है । कोई भी बिज़नस कोआड़रेंट ख़राब नही है, आप अपनी जरूरत और आवश्यकताए के हिसाब से कोआड़रेंट चुन सकते है। हर कोआड़रेंट  का अपना महत्व है।

जब भी कोई नया व्यक्ति बिज़नस के प्रिंसिप्ल्स को समझना चाहता है उसको ESBI कोआड़रेंट का ज्ञान होना ज़रूरी है। 
EYE OPENER (आंख खोलने वाला )  है ,  CASHFLOW कोआड़रेंट  आपके  बिज़नस का ,आपके बेहतर भविष्य का मार्गदर्शन है।

अगर आप पैसे की समझ अपनी अगली पीढ़ी को ट्रांसफर करना चाहते है तो कैशफलौ कोआड़रेंट मार्गदर्शन है।  

ESBI है क्या  :

E का मतलब एम्प्लोयी
S का मतलब सेल्फ एम्प्लाएड।
B का मतलब बिज़नस ओनर।
I का मतलब इन्वेस्टर।

                                                 E QUADRANT

एम्प्लाई जो दूसरों की नौकरी करता है। वो अपना समय और मेहनत लगा कर अपना इनकम बनाता है।
 

उसकी जिंदगी का कंट्रोल दुसरो के हाथ में होता है। अगर कुछ दिनों के लिए वो नौकरी नही जा पाता है, तो इनकम बन्द। TRADING TIME FOR MONEY, ( समय लगाकर पैसा कमाना )  NO TIME NO MONEY (कोई समय नहीं तो कोई पैसा नहीं )

याद रखे आपका बॉस आपको कभी अमीर नही बना सकता। 
यहाँ पर लोग एक नौकरी से दूसरी नौकरी, एक काम से दूसरा काम बदलते रहते है, अच्छे भविष्य की तलाश में। पर उन्हें वो कही नही मिलता। क्योंकि जो वो चाहते है, वो उस QUADRANT में है ही नही। वो इसलिए की CASHFLOW QUADRANT  के बारे में  वो न तो स्कूल न तो कॉलेज में इसकी पढ़ाई किये।

आप अक्सर लोगो से सुनेंगे बहुत अच्छी कम्पनी मै मेरा प्लेसमेंट हुआ है। बहुत बड़ी कम्पनी है,बढ़िया तन्खाह है,प्रमोशन का सम्भावना बहुत अच्छा है, कंपनी का लाभ बहुत बढ़िया उसका ट्रैक रिकॉर्ड है। 5 साल के बाद वो निराश दिखता है, उसकी राय में बड़ी बेईमान कम्पनी है,वो अपने कर्मचारी को ठीक से ध्यान नही रखती,उसे अपने बॉस से घृणा होने लगा है। प्रमोशन के लिए उसे बाई पास कर दिया गया। फिर उसे कोई नया काम मिलता है, और फिर वो बहुत खुश दीखता है, अब मुझे अपने सपनो वाली कम्पनी मिल गयी। और एक नौकरी से दूसरी नौकरी, उसी तरह सर की जिंदगी हो जाती है, जैसे एक कुत्ता अपनी पूछ पकड़ने की लगातार कोशिस कर रहा हो।
दूसरी बहुत बड़ी समस्या ये है कि बड़ी बड़ी कम्पनिया अपने कर्मचारियों की छटनी में लगे है। नौकरशाह लोगो का औद्योगिक ऐज में बोलबाला था। अब ये ऐज इनफार्मेशन ऐज है, उद्यमियों का बोल बाला होगा।


इसलिए उनकी समस्या का समाधान या तो B कोआड़रेंट में है या फिर I  कोआड़रेंट में है।  
चुकी I कोआड़रेंट में सीधे आप नही पहुच सकते , इसलिए B कोआड़रेंट बिज़नस से ही हम जुड़ सकते। B कोआड़रेंट  बिज़नस के लिए सबसे अच्छी शरुआत एमवे से ही हो सकता है। क्योंकि आपको B कोआड़रेंट  बिज़नस बिलकुल फ्री मिलता है और आपको यहाँ बहुत ही मज़बूत सपोर्ट सिस्टम है।
दूसरा बहुत बड़ा अमीर बनने में बाधा, हमारा टैक्स सिस्टम जो जॉब वालो को चूसता रहता है।
हमारा टैक्स सिस्टम E 
कोआड़रेंट के लोगो को कभी अमीर नही बनने देगा।

जॉब वाले लोग पहले अपने सैलरी पर टैक्स देते है फिर आती है नेट इनकम और फिर करते है वो अपना खर्च। B कोआड़रेंट  में लोग अपनी आय से पहले खर्च करते है और खर्च करने के बाद जो इनकम आता है, उस पैसे पर टैक्स देते है। 

अगर एमवे बिज़नस आपको कोआड़रेंट बदलने का मौका दे रहा है । हमारे अंदर पहले से E कोआड़रेंट  की आदत बनी हुई है। हम E कोआड़रेंट के हीरो पहले से बने हुए है, और अब हमको B quadrant का हीरो बनना है। टकराव सम्भव है। B कोआड़रेंट और E कोआड़रेंट  दो अलग अलग दुनिया है, उनकी भाषा अलग अलग है। कुछ दिनों के लिए आपको E कोआड़रेंट  से अलग होना होगा, अपनी प्राथमिकताएं सेट करना होगा, एक बार B कोआड़रेंट  में आप सफल हो जाते है, तो पूरे समाज में हर कोआड़रेंट के आप हीरो बन जाते है। 

21वीं शताब्दी में नेटवर्क मार्केटिंग इज़ द वे टू GOD.
 21वीं शताब्दी में ईश्वर तक पहुचने का मार्ग है, नेटवर्क मार्केटिंग है ।

                                         S QUADRANT 

सेल्फ एम्प्लाई जो अपनी नौकरी करता है। यहाँ पर भी TIME FOR MONEY इनकम का समीकरण है।
वकील, टीचर, दुकानदार, डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, इत्यादि सभी सेल्फ एम्प्लाएड है। इनका इनकम भी इनके समय और इनके मेहनत पर निर्भर करता है। ये अगर अपने काम पर नही जायेगे, या अपना दुकान नही खोलेंगे तो इनका इनकम बन्द। इन लोगो को  अपने परिवार के लिए अपने शौक के लिए कोई समय नहीं होता।  इनकी अपनी कोई जिंदगी नहीं होता। 

पुरे तरीके से अपने काम में जीवन भर फसे रहते है।  इनके बच्चे , इनकी पत्नी , इनके दोस्त सब इनके समय को लेकर परेशान रहते है। 

                                        B QUADRANT 

इस कोआड़रेंट  के लोग सिस्टम बना कर  काम करते है। यहाँ लोग सिस्टम और सिस्टम में काम कर रहे लोगो से पैसा बनाते है। 
इस कोआड़रेंट में लोग अपनी सेल्स टीम को बड़ा करने की योजना पर काम कर रहे होते है।  वो अपने टीम के लोगो को ट्रेनिंग पर अधिक फोकस्सड रहते है। टीम जब बिज़नेस के काम खुद कर रही होती है, और अपने टीम में नए नए लोगो को शामिल कर रहे होते है और उनको फिर ट्रेनिंग उपलब्ध करा रहे होते है और इसी प्रकार उनकी सेल्स टीम बड़ी होती जाती है और कोआड़रेंट बिज़नेस बड़ा होते जाता  है।     
बिज़नस ओनर या उद्ममी जो अपना बिज़नस संगठन खुद बनाता है और उनकी सफलता के लिए नेतृत्व करता है। 
अच्छे उद्ममी बनने ले लिए आपको गलतिया करने से नहीं डरना है। लोग सवाल पूछने से डरते है, कही लोग मज़ाक न करे। सवाल पूछ  कर कही बुद्धू न बन जाऊ।  उद्ममी बनने की ट्रेनिंग आपके अंदर हिम्मत पैदा करता है। आपको अंदर से लगता है , डायरेक्ट सेल्लिंग इंडस्ट्री की ट्रेनिंग आपको अंदर से बहादुर बना रहा है। सफलता आपको अंदर से महसूस होने लगता है। यहाँ आपको सिखाया जाता है, गलती करने से खबराना नहीं है।  गलतिया आपको कुछ सीखा कर जाती है। जो जीवन में ज्यादा गलती करते है, वे जीवन में ज्यादा सफल होते है।

अच्छे उद्ममी अपनी बिज़नस टीम के लिए अच्छी ट्रेनिंग की व्यवस्था करते है। इनका लोक व्यवहार, और सिखने की आदत लाजवाब होता है। ये सिस्टम के ओनर यानि मालिक होते है। डायरेक्ट सेल्लिंग इंडस्ट्री में हम सिस्टम के पार्टनर होते है, और हम सिस्टम के अच्छे प्रमोटर होते है।  ये सिस्टम को प्रमोट करते है और सिस्टम इनके लिए काम करता है।

ये काम नही भी कर रहे होते है, तब भी उनके लिए सिस्टम इनकम तैयार कर रहा होता है।

कोआड़रेंट के लोगो को टैक्स एडवांटेज मिलता है।
वे अपने इनकम से  पहले खर्च को माइनस करते है, फिर बचे हुए इनकम पर टैक्स देते है।  एम्प्लोयी की इनकम से पहले टैक्स लिया जाता है, फिर बचा हुआ इनकम उनके खर्च के लिए उपलब्ध होता है।  

                                       I QUADRANT

इन्वेस्टर जो अपने पैसे को निवेश कर के पैसा कमाता है। इस कोआड़रेंट में पैसा आपके लिए काम करता है।
पैसा से पैसा बनाना  इस कवाडरेंट की पहचान है।

स्कूल एवम कॉलेज आपको बी और आई क्वाड्रेंट की शिक्षा नहीं देता।  स्कूल और कॉलेज, आपको 
सिखाता है कि आप अच्छी शिक्षा ले और अच्छी नौकरी लेले,और इस  तरह अपनी लाइफ सुरक्षित  कर ले। 
स्कूल एवं कॉलेज में सिखाया जाता है, गलती करोगे तो पीछे रह जाओगे। विद्यार्थी गलती करने से शुरू से डरने लगता है। 

बी क्वाड्रेन्ट और आई क्वाडरेंट में हम चीज़े संगत से सीखते है। यहाँ हमारे पास एक मेंटर होते है, और उनके अनुभव से हम बड़ी सफलता के स्किल सीखते है। 

एमवे बिज़नस आपको उद्यमी बनाता है, आपको अपने जीवन को कंट्रोल अपने हाथ में देता है। आप समाज में दुसरो के लिए अवसर पैदा करते है। 

मेरी शुभकामनाएं ।

अब रुकना नही है ।

सवाल   : ( इन सवालों का जवाब लिख कर अपना नोट्स तैयार कर ले )

1. कैश फ्लो कोआड़रेंट से आप क्या समझते है। 
2.आर्थिक साक्षरता से आप क्या समझते है।
3.कैश फ्लो कॉड रेंट को आई ओपनर क्यों कहा गया था?
4. एमवे बिज़नस आपको किस तरह का मौका दे रहा गई ?
5. हमारा टैक्स सिस्टम जॉब वाले को चूसता रहता है ? इसका क्या मतलब है ।
6.उद्यमीयो का काम करने का स्वभाव क्या होता है ?
7. आपके बेहतर भविष्य का आई ओपनर किसे कहते है ?
8. अमीर बनने में दूसरी सबसे बड़ा बाधा कोन है ?
9. इनफार्मेशन ऐज में किसका बोलबाला होगा ?
10. E QUADRANT की कुछ दोष बताये ?
11. B QUADRANT ,  E QUADRANT  से बेहतर कैसे है ?

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