Wednesday 29 June 2022

STORY : हर मीटिंग की समाप्ति कहानी के साथ

कहानी से इंसान को मैसेज जल्दी और आसानी से मिलता है। इसलिए हर लीडर अपने प्लान के बाद कोई न कोई कहानी अवश्य बताये।

पत्नी अपने पति से बोली अगर मुझे कुछ हो गया तो तुम क्या करोगे।
मैं तो पागल हो जाऊंगा।

थोडा रुक कर फिर वो पूछी क्या तुम दूसरी शादी कर लोगे।
पति कुछ सोचने के बाद कहा, पागल आदमी तो कुछ भी कर सकता है।
मोरल ऑफ़ द स्टोरी:
फालतू सवाल मत पूछा करो। DONT ASK STUPID QUESTION.
.......

सलीम भाई की एक टांग नीली पड़ गई, 
सलीम भाई इलाज कराने हकीम के पास।
हकीम ने चेक कर के कहा , लगता है जहर आपके टांग में  फ़ैल रहा है। आपका पैर काटना पड़ेगा। और उनका एक पैर काट दिया।
कुछ दिनों के बाद, सलीम भाई फिर से हकीम के पास पहुचे, उनका दूसरा पैर भी नीला पड़ रहा था।
हकीम ने कहा लगता है जहर दूसरे पैर मैं भी फैल रहा है, उसे भी काटना पड़ेगा। और उसका दूसरा पैर भी काट दिया। और नकली पैर लगा दिया।
सलीम भाई कुछ दिनों के बाद फिर हकीम के पास पहुचे और बोले मेरा नकली पैर भी नीला पड़ रहा है।

हकीम ने देख कर बोला, अब मुझे तुम्हारा असल मर्ज पकड़ में आया।
तुम्हारी लुंगी से रंग निक्ल रहा है, सलीम भाई।

Moral ऑफ़ द स्टोरी :

हमेशा सलाह सही व्यक्ति से ले।। 
एमवे बिज़नस की सलाह सही व्यक्ति से ले।
आपका भविष्य किसी के खिलवाड़ के लिए नही है।
सलाह  हमेशा  उस क्षेत्र के सफल व्यक्ति से ले। 
.........


              खरगोश और लोमड़ी की कहानी


एक जंगल में लोमड़ी खरगोश को पकड़ने के लिए दौड़ रहा था। खरगोश आगे आगे  लोमड़ी पीछे पीछे और फिर .... खरगोश  बहुत तेज़ी से भागते हुए, एक बिल में जा घुसा। लोमड़ी असफल  हो गयी,  इतने  प्रयास के  बाद भी छोटे  से खरगोश को पकड़  न  सका । 

लोमड़ी बिल के बाहर खड़े हो कर घरगोश से पूछा की खरगोश भाई मैं तुमसे बडा हु, तेज़ भागता हु,फिर भी मै तुमको पकड़ नही पाया। कारण क्या था।

मुझे पता नही, पर मैं इतना जानती हूं, तुम अपने भोजन के लिए दौड़ रहे थे और मैं अपनी जान के लिए।


मोरल ऑफ़ द स्टोरी : जब आप इस बिज़नस को अपने जान से ज्यादा प्यार करेंगे तो सफलता निश्चित है।
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                    जिराफ़ की कहानी 

बहुत पुराने ज़माने की बात है, एक किसान एक बार एक शहर को गया और वहाँ उसको एक zoo जाने का अवसर मिला। वहां उसकी नज़र एक जिराफ पड़ी, वो बहुत खुश हुआ। उसने सोचा किसी जानवर का इतना लंबा गर्दन हो सकता है। वो बहुत खुश हुआ, उसने सोचा मैं वापस गांव जा कर लोगो को बताऊंगा, और लोग भी बहुत खुश होंगे।
जब वो वापस गांव गया और लोगो को बताया कि उसने शहर में एक जानवर देखा है, जिसका 12 फीट लम्बा गर्दन है। तो लोगो ने उसका मजाक शुरू कर दिया। सपने में देखा होगा, अगर ऐसा होता तो हमारे बाप दादा ज़रूर बताये होते। उसे बहुत निरेशा हुई। पर चुकी वो जिराफ को देख कर आया था वो लोगो को समझाता रहा, एक व्यक्ति तैयार हुआ और बोला तुम इतने विश्वास से बोल रहे हो चलो तुम्हारे साथ मैं शहर चलता हूं औऱ देखता हूं उस जानवर को।
वो साथी उसके साथ शहर गया और zoo में जिराफ देखा, 12 फीट लम्बा गर्दन देखा। दोनों साथी वापस जा कर गांव में लोगो को जिराफ के बारे में बताना शुरू किये। लोगो ने खूब मज़ाक उड़ाया, बोला दोनों सपने में 12 फीट गर्दन जानवर देख रहे है।
दोनों दोस्तों ने अपना मेहनत जारी रखा , और कुछ और लोग शहर जाने को तैयार हो गए। और वो भी जिराफ को देखे फिर उनका भी गाँव के लोगो ने मज़ाक उड़ाया। कहे पागलो की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है, सावधान। और इस तरह धीरे, धीरे पुरे गांव के लोगो को विश्वास हो गया कि एक जानवर है जिसका 12 फीट लम्बा गर्दन होता है।


मोरल ऑफ़ द स्टोरी : विश्वास के साथ जिस काम में आदमी लगा रहता है, लोगो का ताना, मज़ाक सहता है,अन्तः लोग उसके साथ हो जाते है। जीत इंसान की विश्वास की होती है।
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                  Attitude की कहानी...1

एक कंपनी ने अपने एक सेल्स मैन को बहुत ही पिछड़ा इलाके के एक गांव में जूता की सेल्स की संभावना जानने के लिए भेजा। वो वहा देखता है कि कोई भी व्यक्ति वहाँ जूता नही पहनता।
वो वहा से अपनी कम्पनी को जानकारी देता है, की यहाँ जूते की सेल्स की कोई संभावना नही है। कम्पनी उसे वापस बुला लेता है, और दूसरे सेल्स मैन को उस गांव में भेजता है, वो भी वही चीज़े देखता है, पर वह वहा से फ़ोन करके ये जानकारी देता है कि यहाँ जूते की बहुत सम्भावना है। यहाँ कोई जूता नही पहनता है, एक बार गांव वाले को जुते चप्पल का लाभ समझा दिया जाये तो फिर रिकॉर्ड तोड़ सेल्स होगा।
Moral ऑफ़ द स्टोरी: दुनिया में चीज़े वही होता है, केवल इंसान का नजरिया, उसके परिणाम को 180 डिग्री बदल देता है।
  
                  Attitude की कहानी...2
2 साथी अपने गांव से दूर किसी दूसरे अपने पसन्द के गांव बसने के इरादे से घर से निकले।
जब वो एक गांव से गुज़र रहे थे तो उन्हें एक बुजुर्ग व्यक्ति आते दिखा, तो उसने उनसे सवाल किया, की इस गांव में किस प्रकार के लोग रहते है। वो बुजुर्ग उनसे पलट कर पूछा आप जिस गांव से आ रहे हो, वहाँ कैसे लोग रहते है। बिलकुल नालायक , मंद बुद्धि , मुझे तो एक अच्छे गांव की तलाश है। उस बुजुर्ग ने कहा यहाँ भी तुम्हारे गांव जैसे लोग ही रहते है, मंद बुद्धि, नालायक। वो व्यक्ति वहाँ से चला जाता है।
दूसरा साथी जिस गांव से गुजर रहा था, वहाँ भी उसने किसी गाँव के बुजुर्ग से यही सवाल पूछा की इस गांव में कैसे लोग रहते है। वो बुजुर्ग पलट कर वही सवाल किया, और इसने कहा कि वहाँ तो बहुत अच्छे लोग रहते है, आपस में भाई चारा बहुत अच्छा है, प्रेम भाव से आपस में लोग रहते है।
तो बुजुर्ग ने कहा, इस गाँव में भी ठीक ऐसे ही लोग रहते है, आपस में प्रेम भाव से लोग इस गांव में रहते है।


मोरल ऑफ़ द स्टोरी: आप जैसा सोच रखेंगे वैसे लोग ही आपको समाज में मिलेंगे।


                    Attitude की कहानी..3


कुछ मज़दूर अपनी मज़दूरी कर रहे थे। एक व्यक्ति वहाँ से गुज़र रहा था, उसने एक मजदूर से पूछा, तुम क्या कर रहे हो, उसने कहा साहब में अपने बाल बच्चो का पेट पालने के लिए मज़दूरी कर रहा हु।
थोड़ी दूर में उसने दूसरे मज़दूर से पूछा, तुम क्या कर रहे हो, उसने जवाब दिया साहब मै ईटा उठा कर मिस्त्री को दे रहा हु।
तीसरे मज़दूर से जब यही सवाल पूछा गया, की तुम यहाँ क्या कर रहे हो, उसने जवाब दिया, साहब, मैं यहाँ  शानदार बहुतapppp)))¡ ही आधुनिक अस्पताल का नीव रख रहा हु। वो आदमी उससे बहुत खुश हुआ, और उसे अपने पास एक अच्छे काम में रख लिया।


Moral ऑफ़ द स्टोरी : दुनिया में चीज़े एक ही होती है, पर इंसान की सोच अलग अलग। जिंदगी में आपको सफलता आपके सोच पर निर्भर करता है। अगर आपकी सोच अच्छी है तो आपको बहुत जल्दी बड़ा मुकाम मिलने वाला है।
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                 लोमड़ी और खरगोश की कहानी


एक लोमड़ी खरगोश के पीछे जंगल में दौड़ रही थी। गोल गोल खुम रही थी, पर उसे पकड़ नही पा रही थी।
उधर एक व्यक्ति को दूर से खरगोश नही दिख रहा था, केवल लोमड़ी को गोल गोल घूमते देख रहा था, औऱ सोच रहा था, लोमड़ी पागल हो गयी है क्या। 

क्यों गोल गोल घूम रही है। उसने लोमड़ी को पागल करार दिया।

 
Moral ऑफ़ द स्टोरी : एमवे बिज़नस में लोग आपको पागल समझते है, क्यों की खरगोश आपको दीखता है पर उन्हें केवल आपका मेहनत दीखता है, खरगोश नही। आपका काम है कि उन्हें पहले खरगोश दिखाये, समस्या का समाधान खुद ब खुद मिल जायेगा।


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                      मेढक की कहानी
एक समुंद्री मेढक कुंए में आ गिरा। बस क्या कुए के मेढक टर्र टर्र करने लगे और सवाल पूछने लगे । तुम कहाँ से आये हो। कहाँ है घर तुम्हारा। समुंद्री मेढक ने कहाँ, अरे भाई मेरा घर समुंदर है, पता नही में कहाँ आ गया।
समुंदर क्या होता है, उसने बताया, एक बहुत बड़ा जलासय होता है।... एक छोटा मेढक, एक छलांग मारता है और पूछता है, क्या इतना बड़ा तुम्हारा समुंदर होता है। उसने बोला नही भाई, बहुत बड़ा तुम इसकी कल्पना नही कर सकते। उसने एक औऱ लम्बा छलांग मारा, और पूछा क्या इतना बड़ा। नही भाई , तुम कल्पना नही कर सकते। उसे बहुत ताव आया उसने कुए की एक दिवार से छलांग मारा और कुए की दूसरे छोर तक छलांग लगाई। क्या तुम्हारा समुंदर इतना बड़ा होता है। नही भाई नही, तुम्हारे कल्पना से बहुत बड़ा, इतना बड़ा की तुम सोच भी नही सकते।
कुँए का मेढक बोलता है, तुम झूठ बोलते हो।
मोरल ऑफ़ द स्टोरी: दोनों मेढक अपनी जगह पर ठीक कह रहे थे। जो जिस संगत जिस माहौल में रहता है, उसकी सोच वैसी ही बन जाती है।
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                   बंदर पकड़ने की कहानी


मदारी बन्दर पकड़ते कैसे है, एक छोटे सा पिंजरा के अंदर फली का दाना डाल देते है। और किनारे छुप के  खड़ा हो जाता है, बन्दर आता है,पिंजरे के अंदर हाथ डालता है,बादाम अपने मुट्ठी में लेता है,और बाहर निकलने की कोशिश करता है। पिंजरा का मुंह इतना बड़ा होता है कि बन्दर की  मुट्ठी नही निकल पाता। मदारी बन्दर के पास धीरे धीरे आता है, और पकड़ लेता है। बन्दर चाहे तो बादाम छोड़ कर आराम से भाग सकता है, आज़ाद रह सकता है। पर मुट्ठी भर बादाम के लिए बन्दर जीवन भर मदारी का गुलामी करता है।
Moral ऑफ़ द स्टोरी : इंसान का स्वाभाव बन्दर के जैसा ही होता है, छोटी सी पगार के लिए एक व्यक्ति आपना पूरा जीवन नौकरी में बीता देता है।
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          समुंदर के तट पर मझलिया की कहानी


समुंदर के तट पर बहुत सारी मझलिया पानी के बहाव के साथ आ पड़ी थी और तड़प रही थी। एक व्यक्ति जब ये देखा तो वो वहाँ पहुँच कर एक एक मझली को उठा कर पानी में वापस फेक रहा था। एक व्यक्ति वह ये सब देख रहा था, अरे बुड़बक कितना मेहनत करेगा यहाँ तो हज़ारो मझलिया पड़ी है, तेरे छोटे से मेहनत से क्या फर्क पड़ेगा।
उसने एक मछली को दिखाया, और बोला इसके जीवन को फर्क पड़ेगा, एक और इसके जीवन को फर्क पड़ेगा, एक और, एक और, एक और,  इनके जीवन को फर्क पड़ेगा।
Moral ऑफ़ द स्टोरी :आप हज़ारो आदमी को एक साथ मदद नही कर सकते,एक एक कर के आप हज़ारो लाखो आदमी की मदद कर सकते है। आप जिस आदमी को मीटिंग में बैठातेे है उनके जीवन में फर्क पड़ जाता है। आप लोगो को मीटिंग में हमेशा बैठाते रहे।


                      मुर्गी अंडे की कहानी


एक आदमी मुर्गी और अंडे का वयापार करता था। उसके पास 500 मुर्गियां थी। उसे ऐसा लग रहा था कि उसे अपनी इनकम और बढ़ानी है। उसने पुरे मुर्गियों की मीटिंग बुलाई और कहा, कल से तुम सभी को दो दो अंडे रोज देना है। नही तो तुम सभी को कल कसाई के पास भेज दिया जायेगा। सभी मुर्गियां परेसान , रात में सभी मीटिंग में बैठ गयी, टेंसन में रात भर।
दूसरे दिन मालिक ने चेक किया , देखा की 999 अंडे है। किसने 1 अंडा कम दिया। सभी मुर्गियां आपस में इधर उधर देख रहे थे किसने 1 अंडा कम दिया। उसमे से एक बाहर आया और कहा 1 अंडा मैंने दिया, कायदे से वो अंडा भी मुझे नही देना था, क्योकि मैं मुर्गा हु।
Moral ऑफ़ द स्टोरी : अगर आप कोई चीज़ ठान लेते है तो परिणाम आता है। अगर एक मुर्गा बेचारा दबाव में आ कर अंडा दे सकता है तो आप ड्रीम के चाहत और प्रेशर में डायमंड तो अवश्य जा सकते है।


                     बन्दर जंगल का राजा


एक बार जंगल में सभी जानवरो ने फैसला किया कि जंगल का नया राजा बनाया जाये। और सभी मिल कर बन्दर को जंगल का राजा बना दिए। एक दिन एक बकरी दौड़ते और रोते हुए  बन्दर के पास पहुची, और कहने लगी जंगल के राजा मेरे बच्चे को बचाओ, शेर उसे पकड़ कर ले गया है।
बन्दर ने थोड़ा सोचा फिर उसके साथ गया और पेड़ के एक साख से दूसरे साख, दूसरे से तीसरे , तीसरे से चौथे। बकरी बोल रही है, महाराज कुछ कीजिये, शेर मेरे बच्चे को खा रहा है।
बन्दर ने जवाब में कहा, बहन मैंने मेहनत में कोई कमी है क्या। कोई कसर छोड़ा है क्या।
Moral ऑफ़ द स्टोरी: कही बन्दर वाली कोशिस तो नही हो रही है, अपने गोल पूरा करने के लिए । अगर आपका गोल पूरा नही हो रहा है, तो कही आप भी बन्दर माफिक,इधर उधर उछल रहे है, पर जो काम करना है वो नही कर रहे है।
                    कछुआ की सोच


एक स्टेशन पर अँगरेज़ ने देखा की एक बाल्टी खुली हुई थी, और उसमें कुछ कछुए थे तो उसने पता लगाया अरे ये बाल्टी खुली क्यों आयी है, इससे तो कछुए सब भाग जायेगे।
उसमे से एक बोला साहब, ये इंडियन कछुआ है,नही भाग सकते नीचे वाले ने ऊपर वाले को पकड़ रखा है।
Moral ऑफ़ द स्टोरी : हमारे समाज की सोच भी कुछ ऐसी ही होती है। लेग पुल्लिंग, सामान्य बात है।आप को सम्भल कर रहना है। अगर आप आगे बढ़ रहे है तो पीछे से कोई लंगी मारेगा। इससे अच्छा है कि आप एमवे बिज़नस के वातावरण में काम करे जो आप को आगे बढ़ाने में मदद करता है।
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                      हाथी की कहानी


महावत, हाथी के बच्चे को छोटी सी खुटी में एक रस्सी से शुरू में बांधता है। बच्चा पूरा जोर लगाता है, पर उसे तोड़ नही पाता। फिर धीरे धीरे ज़ोर लगाना छोड़ देता है। वही हाथी एक छोटी से खुटी और रस्सी में बंधा है, और एक दिन सर्कस में आग लग जाता है, और वो जल के मर जाता है।पता है, क्यों, वो चाहता तो रस्सी , खुटी सब को तोड़ कर भाग सकता था, पर बचपन में जो उसके माइंड में बैठ गया कि वो उस रस्सी को तोड़ नही पायेगा। वो अपनी पुरानी सोच का गुलाम बना हुआ था।
Moral ऑफ़ द स्टोरी: आप अतीत में क्या थे भूल जाइए, आज आपकी ताकत और विश्वास अलग है,आप भविष्य में जो चाहते है, वो सब आपको मिल सकता है। अपने आप पर ट्रस्ट करे।

.....अब रुकना नही है।।

                 ईगल और उसके अंडे की कहानी

गलती से एक ईगल का अंडा मुर्गीयो के अंडे में शामिल हो गया। फिर क्या था सभी मुर्गियों के चूज़ों के साथ एक ईगल का चूज़ा भी मुर्गियों के बीच रहने लगा।
सभी मुर्गियों वाली आदत संगत में ईगल के बच्चे में भी आ गयी। वो फुदक फुदक कर चलता था। दाना मुर्गियों जैसे चुगता था।
एक दिन कुछ ईगल की नज़र उस ईगल पर पड़ी, देखे अरे ये तो हमारा भाई है, जो मुर्गियों की झुण्ड में है। ये उड़ क्यों नही रहा है। उन्होंने इशारे से उसको उड़ने को कहा, चलो आओ उड़ो हमारे साथ, पर उस ईगल को विश्वास ही नही था अपने ऊपर की वो भी उड़ सकता है।
ईगल परेसान हो कर उस ईगल को अपने पंजे में पकड़ कर ऊपर ले जा कर छोड़ दिए , मरता क्या न करता, ईगल उड़ना सीख गया।
Moral ऑफ़ द स्टोरी : संगत का प्रभाव सबसे ज्यादा आपके व्यक्तित्व पर पड़ता है। ईगल मुर्गी की चाल, रहन सहन सीख जाता है। पर अच्छे चीज़ के लिए जबरदस्ती करना चाहिए। आज कुछ चील को यहाँ लाया गया है, और उन्हें उड़ने के लिए ललकारा भी जा रहा है। जिस तरह चील उड़ना सीख गया, यहाँ भी बहुत सारे लोग डायमंड अवश्य जाएंगे।

                    रेगिस्तान में हैण्ड पंप
एक व्यक्ति  प्यास के कारण रेगिस्तान में पानी ढूंढ रहा था, बहुत परेसान हो गया पानी ढूंढते ढूंढते.
अंत में उसे एक जगह हैण्ड पंप दिखा,  वो वहाँ गया और हैण्ड पंप चलाने लगा, पर उसमे से पानी नही निकला, वो बहुत उदास होने लगा। पर एक जगह लोटे में पानी दिखा, वो उसे पिने के लिए लोटा उठाया, तो उसकी नज़र वहाँ दीवाल पर कुछ लिखा हुआ था। उसने ध्यान से पढ़ा " इस पानी को इस हैण्ड पंप में डालो और फिर चलाओ, पानी निकलेगा और अंत में फिर इस लोटे को भर कर रख देना। वो बहुत असमंजस में पड़ गया, प्यास बहुत लगी है, और उस पानी को वापस पंप में डाल कर चलाने को लिखा हुआ है। और वो उस लिखे हुए पर विश्वास करे तो प्यासा मर जायेगा। आखिर में वो उस लिखे हुए पर विश्वास करता है , और पानी को हैण्ड पंप में डालकर हैण्ड पंप को चलाता है पर शुरू में कोई पानी नही निकलता है, पर वो विश्वास के साथ हैण्ड पंप चलाता रहता है और थोड़ी देर में खूब पानी आता है, वो जी भर के पानी पिता है, और उस लोटे में पानी भर के रख देता है, और नीचे लिख देता है, मेरे लिए ये काम किया है, आप के लिए भी करेगा।
Moral ऑफ़ द स्टोरी :
आप ब्रिट सिस्टम पर विश्वास करे, यहाँ पर हर डायमंड कह रहा है ये सिस्टम उसके लिए काम किया है, आपके लिए भी काम करेगा। आप को बस हैण्ड पंप, 4 स्टेप्स बेसिक्स करते रहना है, और आप भी एक दिन ब्रिट सिस्टम के डायमंड होंगे।  

                   एकता का उदहारण

*आज एक नई सीख़ मिली*
जब अँगूर खरीदने बाजार गया ।
पूछा *"क्या भाव है?*
बोला : *"80 रूपये किलो ।"*
पास ही कुछ अलग-अलग टूटे हुए अंगूरों के दाने पड़े थे ।
मैंने पूछा: *"क्या भाव है" इनका ?"*
वो बोला : *"30 रूपये किलो"*
मैंने पूछा : "इतना कम दाम क्यों..?
वो बोला : "साहब, हैं तो ये भी बहुत बढिया..!!
लेकिन ... *अपने गुच्छे से टूट गए हैं ।"*
मैं समझ गया कि ... *संगठन...समाज* और  *परिवार* से अलग होने पर हमारी कीमत......आधे से भी कम रह जाती है।

Moral ऑफ़ द example :

कृपया अपने *परिवार* एवम्  *मित्रों* से हमेशा जुड़े रहे ।

           : रानी लष्मी बाई :

भारत की हर नारी रानी लष्मी बाई कहलाती है। क्यो ऐसा कहा जाता है, बताऊँ।

मां बाप के साथ रानी जैसे रहती है। शादी के बाद लष्मी बन कर आती है। उसके बाद वो बाई बन जाती है।

                  भैस को दवा पिलाता किसान

एक किसान की भैंस बीमार रहती थी । किसान ने भैस को दवा पिलाना था । किसान ने एक  में दवा घोल कर उस भैस को  पिलाना चाहा , भैस ने जोरदार फूक मारा, पूरा दवा किसान के ऊपर वापस आ गया।

Moral ऑफ the Story : अच्छी तैयारी कर के जाए, ताकि काम मे पूर्ण सफलता मिल सके। आधी अधूरी तैयारी से , सफलता नही मिलती। 

      बिना पूछे आप किसी की इंकम कैसे पता लगाए 



      ज्ञान, धन और विश्वास तीन मित्रों की कहानी 

ज्ञान, धन और विश्वास,  तीन अच्छे मित्र थे.  एक बार तीनों दोस्तों को अलग होना पड़ रहा था.  

तीनों दुखी थे,  वे एक दूसरे से जुदा हो रहे थे, वे आपस में बात कर रहे थे,  हम लोग फिर कहा मिलेगा, 

ज्ञान ने कहा में,  विद्यालय मे मिलूंगा, धन ने कहा मैं अमीरों के पास मिलूंगा, 

विश्वास चुप था, बहुत दुखी था , ज्ञान और धन ने पूछा तुम  क्यों चुप हो, तो विश्वास ने रोते हुए कहा, मैं एक बार चला गया, तो फिर कभी नहीं मिल पाऊँगा।





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