रीना 35 साल की एक गृहिणी है। घर, बच्चे और परिवार की ज़िम्मेदारियों में वह खुद पर ध्यान ही नहीं दे पाती थी। दिन भर काम करने के बाद भी उसे थकान रहती, कमर दर्द बना रहता और डॉक्टर ने बताया कि उसके शरीर में प्रोटीन की कमी है। रीना ने सोचा—“मैं तो रोज़ खाना खाती हूँ, फिर कमी कैसे?” डॉक्टर ने समझाया कि आज के खाने में कैलोरी तो है, लेकिन पर्याप्त गुणवत्तापूर्ण प्रोटीन नहीं।
एक दिन उसकी सहेली ने उसे Nutrilite Protein Powder के बारे में बताया। रीना को डर था कि कहीं यह केमिकल या स्टेरॉइड वाला न हो। जब उसे पता चला कि यह सोया, गेहूं और मटर से बना प्लांट-बेस्ड प्रोटीन है, बिना शुगर, बिना आर्टिफ़िशियल कलर और प्रिज़रवेटिव के—तो उसने भरोसा किया।
रीना ने रोज़ सुबह दूध या छाछ में दो चम्मच न्यूट्रिलाइट प्रोटीन लेना शुरू किया। 3–4 हफ्तों में उसने फर्क महसूस किया। थकान कम होने लगी, काम करने की ऊर्जा बढ़ी, और उसकी मसल स्ट्रेंथ बेहतर हुई। सबसे बड़ी बात—उसे अपने शरीर पर फिर से विश्वास होने लगा।
आज रीना न सिर्फ खुद इसे नियमित लेती है, बल्कि अपनी जैसी कई महिलाओं को यह कहानी सुनाती है। वह कहती है,
“यह कोई जादू नहीं, यह सही पोषण है। जब शरीर को सही प्रोटीन मिलता है, तो वह खुद को ठीक करना जानता है।”
यही न्यूट्रिलाइट प्रोटीन पाउडर की असली ताकत है—
स्वस्थ शरीर, ज़्यादा ऊर्जा और बेहतर जीवन।
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