Thursday, 25 December 2025

“ये तो अभी मेरी शुरुआत है” – Massive Duplication पैदा करने वाला Self-Talk


“ये तो अभी मेरी शुरुआत है” – Massive Duplication पैदा करने वाला Self-Talk

 Self-Talk: लीडर की आंतरिक आवाज़

हर बड़े परिणाम की शुरुआत अंदर की आवाज़ से होती है। लीडर जो अपने आप से बात करता है, वही उसकी टीम भी बोलने लगती है।
“ये तो अभी मेरी शुरुआत है” ऐसा Self-Talk लीडर को सीखने की अवस्था में भूखा, मेहनत के लिए तैयार और अहंकार से दूर रखता है। यह सोच बताती है कि अभी बहुत कुछ सीखना और पाना बाकी है।

 बड़े लक्ष्य + छोटी शुरुआत का जादू

जब कोई लीडर कहता है –
9% पहले हफ्ते में, 12% पहले हफ्ते में, 15% पहले हफ्ते में
और साथ में बोलता है – “ये तो अभी शुरुआत है”
तो टीम डरती नहीं, बल्कि उत्साहित होती है। लक्ष्य बड़ा है लेकिन एप्रोच सीखने वाली है। यही संतुलन pressure नहीं, passion पैदा करता है, और यही duplication की जड़ है।

 Self-Talk से Duplication कैसे पैदा होती है

टीम वही कॉपी करती है जो वो सुनती और देखती है।
अगर लीडर बोले – “मैं अभी सीख रहा हूँ, तुम भी सीखो”
तो नया व्यक्ति खुद को छोटा महसूस नहीं करता।
“ये तो अभी शुरुआत है” बोलने वाला लीडर परफेक्शन नहीं, प्रोग्रेस सिखाता है। यही भाषा नए लोगों को बोलने, दिखाने और सिखाने की हिम्मत देती है।

 First Week Result को “Foundation” मानना

जो लीडर पहले हफ्ते के 9%, 12% या 15% को अंत नहीं, आधार मानता है, वही स्थायी संगठन बनाता है।
Self-Talk होता है:
“अगर पहले हफ्ते में इतना हुआ है, तो सोचो 4 हफ्तों में क्या होगा।”
यह सोच टीम को तेज़ नहीं, लगातार चलना सिखाती है — और यही Massive Duplication की पहचान है।

 ये Self-Talk Culture कैसे बनता है

जब लीडर हर मीटिंग, कॉल और काउंसलिंग में यही बोले –
 ये तो अभी शुरुआत है
 अभी सीख रहे हैं
 अभी सिस्टम में सेट हो रहे हैं
तो पूरी टीम का डर खत्म हो जाता है।
लोग रिजल्ट नहीं, प्रोसेस कॉपी करने लगते हैं — और यहीं से संगठन विस्फोटक रूप से बढ़ता है।

 5 प्रश्न–उत्तर (Q & A)

Q1. “ये तो अभी शुरुआत है” बोलने से टीम ढीली नहीं पड़ती?

उत्तर: नहीं। यह वाक्य ढीलापन नहीं, सीखने की अनुमति देता है। टीम परफेक्शन के दबाव से मुक्त होती है और एक्शन लेने लगती है। जब लोग डर के बिना काम करते हैं, तो वॉल्यूम बढ़ता है और वही बड़े रिजल्ट की नींव बनता है।

Q2. बड़े लक्ष्य पहले हफ्ते में रखना सही है?

उत्तर: हाँ, अगर Self-Talk सही हो। लक्ष्य बड़ा हो, लेकिन भाषा सीखने वाली हो।
“करना है, पर सीखते हुए” — यह संतुलन टीम को थकाता नहीं, बल्कि ऊर्जा देता है।

Q3. यह Self-Talk नए लोगों पर कैसे असर डालता है?

उत्तर: नया व्यक्ति सोचता है – “अगर लीडर अभी सीख रहा है, तो मैं भी कर सकता हूँ।”
यही सोच उन्हें बोलने, दिखाने और आगे सिखाने की हिम्मत देती है। यह सबसे शुद्ध duplication है।

Q4. क्या यह सोच लीडर को complacent ( आत्मसंन्तुष्ट )  बना सकती है?

उत्तर: नहीं, क्योंकि इसके साथ लक्ष्य बड़े जुड़े होते हैं।
“ये तो शुरुआत है” का मतलब आराम नहीं, बल्कि अभी बहुत आगे जाना है — यही फर्क है।

Q5. इस Self-Talk को टीम में कैसे स्थापित करें?
उत्तर:
मीटिंग, काउंसलिंग, व्हाट्सएप मैसेज और खुद के उदाहरण से।
जो लीडर खुद यही भाषा जीता है, वही पूरी टीम में इसे स्वाभाविक रूप से डुप्लिकेट कर देता है।

 निष्कर्ष

“ये तो अभी मेरी शुरुआत है” कोई वाक्य नहीं, एक संस्कृति (Culture) है।
जो लीडर इस Self-Talk के साथ बड़े लक्ष्य सेट करता है, वही डर-मुक्त, एक्शन-ओरिएंटेड और Massive Massive Duplication वाला संगठन बनाता है।

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