Wednesday 20 July 2022

Nutrition se आप क्या समझते है

न्यूट्रिशन कितने प्रकार का होता है ?

न्यूट्रिशन या पोषक तत्व 5 प्रकार का होता है।  कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन, फैट्स, विटामिन्स और मिनरल्स।

CARBOHYDRATE ( कार्बोहायड्रेट )

कार्बोहाइड्रेट ...हमे ऊर्जा प्रदान करता है।, जिसके वजह से हम रोज मर्ड्रा का काम करते है। हमे खेलने के लिए , काम करने के लिए , पढ़ने के लिए, चलने फिरने के लिए ऊर्जा चाहिए , और ये हमे कार्बोहाइड्रेट से ही प्राप्त होता है। चावल और गेहूं में हमे कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में मिलता है। 

अगर हम अपने  केलोरी (ऊर्जा) intake को पूरा पूरा उपयोग नही कर पाए, तो वो फैट के रूप में शरीर मे बैठने लगता है। और हमारे शरीर मे मोटापा नज़र आने लगता है।

PROTEIN ( प्रोटीन )

प्रोटीन से आप क्या समझते है। इसके उपयोग से हमारे शरीर को किस तरह का लाभ मिलता है।

हमारे शरीर का प्रत्येक भाग कोशिकाओं से बना है। हमारे मांस पेशियां, हमारी हड्डियां, हमारे बाल, हमारा नाखून इत्यादि  सभी का मुख्य तत्व प्रोटीन ही होता है। 
हमारा शरीर ट्रिलियनस कोशिकाओं से बना है। कोशिकाएँ हमारे शरीर का सबसे छोटा यूनिट होता है। 
हमारे शरीर का सबसे महत्पूर्ण कार्य, हमारे कोशिकाओं में ही होता है। हम जो भोजन खाते है, वो खून के माध्यम से हमारे कोशिकाओं में पहुँचता है, और कोशिकाओं में ही शरीर की ऊर्जा और शरीर का मल पैदा होता है।
कोशिकाओं को हमारे शरीर का पावर हाउस कहा जाता है।
प्रोटीन .. हमारे शरीर का मुख्य तत्व है। हमारा बाल, हमारा हड्डियां, हमारा नाखून, हमारा कान, हमारा नाक,हमारे शरीर का हर पार्ट हर चीज़ प्रोटीन से बना है। 
प्रोटीन का उपयोग करने से हमारे शरीर में कमज़ोर सेल्स  मज़बूत सेल्स से रिप्लेस होता रहता है। ( Weak cells are replaced by strong cells )
कार्बोहायड्रेट और फैट्स हमारे शरीर में कमज़ोर सेल्स (weak cells )  पैदा करता है। आप जितना ज्यादा प्रोटीन लेते है आप का शरीर अंदर से मज़बूत होता जाता है। स्ट्रांग सेल्स हमारे इम्युनिटी को बनाये रखता है। हमारे शरीर का अंदर से बीमारियों से लड़ने की क्षमता  बढ़ती रहती है। 
अगर आप अंदर से कमज़ोर महसूस कर रहे है, यानी आपके शरीर मे कमज़ोर सेल्स ज्यादा बन रहे है। प्रोटीन का उपयोग करने से आप के शरीर मे स्ट्रांग सेल्स बनना शुरू हो जाएगा, और आप स्वस्थ महसूस करेंगे।

प्रोटीन का मुख्य  काम निम्न है, 

1 GROWTH , शरीर का समपूर्ण विकास
2  REPAIRING & MAINTENANCE OF CELLS, सेल्स की रिपेयरिंग एवं मरम्मत
बढ़ते हुए बच्चों को सबसे ज्यादा जिस पोषक तत्व की ज़रूरत होती है, वो है प्रोटीन और कैल्शियम ।
क्योंकि बढ़ते हुए बच्चो के मसल्स में खिंचाव की प्रक्रिया होती रहती है, अंग्रेज़ी में हम इसे wear and tear कहते है। जब मसल्स का वियर एंड टीअर सबसे ज्यादा होता है, हमे उच्च क्वालिटी की प्रोटीन लेनी होती है । 
इससे बच्चो के शरीर का विकास सबसे अच्छी तरीके से हो पायेगा।
प्रेग्नेंट और लकटेटिंग वीमेन ( गर्भवती महिलाएं और दुध पिलाती मां ) के शरीर मे सबसे ज्यादा वियर एंड टियर  होता है, इस समय इन्हें RDA मात्रा में प्रोटीन , आयरन और कैल्शियम लेना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। प्रोटीन नए सेल्स निर्माण करने में मदद करता है, और कमजोर सेल्स को स्ट्रांग सेल्स से रिप्लेस करता है, सेल्स की मरम्मत करता है, और शरीर के स्वस्थ रखने में मदद करता है।

RDA से आप क्या समझते है ? प्रोटीन का RDA शरीर की अलग अलग अवस्था  मे किंस तरह होता है।

RDA का अर्थ रेकमेंडेड डेली अमाउंट , हमारी शरीर की रोज की आवश्यक पोषक तत्व की मात्रा , जो स्वस्थ रहने के लिए ज़रूरी होता है।
प्रोटीन का RDA ( रोज लेने की मात्रा ) .. आपके वजन पर निर्भर करता है। 
नार्मल व्यक्ति 1 gm / kg body wt. अगर किसी का वजन 60 kg है तो उसे 60 gm प्रोटीन रोज लेना होगा।
बढ़ते हुए बच्चें  ....  2gm/ kg body weight, बढ़ते हुए बच्चों का वजन 15 kg है, तो उस बच्चे को 30 gm प्रोटीन लेना होगा।
गर्भवती महिलाएं ...2gm / kg body weight, यहाँ पर अगर गर्भवती महिलाएं, का वजन 60 kg है, तो उन्हें 120 gm प्रोटीन की ज़रूरत होती है।
दूध पिलाती माँ ......2gm / kg body weight
इस मात्रा में प्रोटीन लेना अनिवार्य है, ताकि शरीर मे किसी प्रकार की समस्या न आये। और हम अलग अलग अवस्था में स्वस्थ रह सकते है।

FAT ( वसा ) से आप क्या समझते है ? वसा कितने प्रकार का होता है । वसा शरीर मे ये किस तरह काम करता है।

फैटस को हम वसा भी कहते है, वसा दो प्रकार का होता है। गुड फैट और बैड फैट.. ओमेगा 3 को हम गुड फैट कहते है और ओमेगा 6 को हम बैड फैट कहते है। 
खून के अंदर फैट्स को लिपिड कहते है।  

दोनों ही फैट हमारे शरीर में ज़रूरी होता है , ओमेगा 6 हमारे शरीर में कंबल का काम करता है, हमारे शरीर को बदलते हुए मौसम से बचाव करता है। पर यही ओमेगा 6 जब आर्टरीज में बैठने लगता है, तो ब्लॉकेज पैदा करता है जो हमारे हार्ट अटैक का कारण बन जाता है। आर्टरीज में ब्लॉकेज उत्पन्न  करने के कारण ओमेगा 6 को बैड फैट कहा जाता है। 
ओमेगा 3 , ओमेगा  को आर्टरीज में बैठने नहीं देता है, उसकी सफाई करता रहता है, इसलिए ओमेगा ३ को गुड फैट खा जाता है। 
फैट्स का RDA ( रोज लेने की मात्रा ) .. किस मात्रा में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 लेना है। 
OMEGA 3 : OMEGA 6 = 1  : 5 -10  
एक हिस्सा अगर हम ओमेगा 3 ले रहे है तो ओमेगा 6 ... 5 से 10 हिस्सा लेना होगा।
OMEGA 3 को हम गुड़ फैट्स कहते है। ओमेगा 3 , बादाम, आखरोट, सलमन मछली , लहसुन इत्यादि में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।
OMEGA 6 को हम बैड फैट्स कहते है। ये दूध, घी, मखन, मलाई, पनीर, मटन, मुर्गा, अंडा में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
अगर हम ओमेगा 3 की 1 यूनिट ले रहे है तो ओमेगा 6 की 5 से 10 यूनिट ले सकते है। ये WHO की RDA मात्रा है जो हमे स्वस्थ रहने में मदद करता है।
अगर इस मात्रा में हम फैट्स के उपयोग 
रोज कर रहे है तो हार्ट प्रॉब्लम की शिकायत , ब्लड प्रेशर की शिकायत , आर्टरीज  ब्लॉकेज की शिकायत नही होगी।
बाल झड़ने की, सास फूलने की शिकायत से आप निजात पा सकते है।

विटामिन्स और मिनरल्स का हमारे शरीर में मुख्य क्या काम है ?

विटामिन्स और मिनरल्स को हम माइक्रो न्यूट्रिएंट भी कहते है। हमारे शरीर मे इसकी जरूरत बहुत कम मात्रा में होती है, पर ये हमारे शरीर के अंदर विभिन्न प्रकार की रासयनिक क्रियाए में अनिवार्य है। इसकी कमी से हमारे शरीर मे कई प्रकार का रोग पैदा हो जाता है।

हमारे शरीर मे विटामिन्स और मिनरल्स सुरक्षा प्रदान करता है। 13 विटामिन्स और 11 मिनरल्स हमे हर रोज न्यूनतम मात्रा (RDA) में लेना जरूरी है। 
पोषक तत्व की कमी से ही 90% बीमारी होती है. पोषक तत्वों की कमी हमारे शरीर में न्यूट्रिशन गैप पैदा करता है।
हमें RDA मात्रा में पोषक तत्व लेने से न्यूट्रिशन गैप पर कंट्रोल बनाने में मदद करता है। और इस तरह हम एक स्वस्थ जीवन शैली अपना सकते है।

न्यूट्रीलाइट कम्पनी का ही सप्लीमेंट लेना क्यो ज़रूरी है ?

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