शरीर की संरचना ( स्ट्रक्चर ) के बारे में समझाये । सेल्स के संदर्भ में मेटाबोलिज्म का अर्थ समझाये।
हमारा शरीर का सबसे छोटा यूनिट सेल्स होता है, सेल्स मिलकर tissues बनाते है, और कई tissues मिलकर एक ऑर्गन बनाते है। और कई ऑर्गन मिल कर हमारा पूरा बॉडी तैयार होता है। सेल्स हमारे शरीर का पावर हाउस होता है। अगर सेल्स के अंदर के कार्य को मेटाबोलिज्म कहते है।
हम जो खाना खाते है, वो ग्लूकोज़ के रूप में हमारे ब्लड से होते हुए हमारे सेल्स, या कोशिकाएं तक पहुँचता है, और फिर ऊर्जा में परिवर्तित होता है। और इस पूरे परिक्रिया को हम मेटाबोलिज्म कहते है या सेलुलर मेटाबोलिज्म कहते है। सेल्स को हम अपने शरीर का पावर हाउस कहते है। हमारे शरीर की ऊर्जा और waste हमारे सेल्स में ही पैदा होता है।
हमारे शरीर में एंडोक्राइन सिस्टम क्या है, और इसका कार्य क्या होता है।
हमारे शरीर मे कई ग्रन्थियां होती है। सभी ग्रन्थियां मिलकर हमारे शरीर का एंडोक्राइन सिस्टम बनाती है। ग्रन्थियां का कार्य होता है एंजाइम और हार्मोन्स का रसाव करना। हमारा एंडोक्राइन सिस्टम का कार्य हमारे सोच पर निर्भर करता है। इसलिए जब हम नेगेटिव सोचते है या बहुत दुखी होते है, तो हमारी ये सोच हमारे एंडोक्राइन सिस्टम के कार्य को बाधित करती है।
हार्मोनल डिसऑर्डर का एक महत्पूर्ण कारण हमारा दुखी रहना भी होता है। इसलिए हमें चाहिए कि जब हमारे जीवन मे दुख आता है, तनाव आता है , तो उसे पॉजिटिव लेना चाहिए।
भगवान मुझे बड़ी सफलता देने की योजना बना रहा है, इसलिए मेरी परीक्षा ले रहा है। इस तरह आप पॉजिटिव सोच से अपने आप को स्वस्थ रहने में मदद कर सकते है।
हार्मोनल डिसऑर्डर का एक महत्पूर्ण कारण हमारा दुखी रहना भी होता है। इसलिए हमें चाहिए कि जब हमारे जीवन मे दुख आता है, तनाव आता है , तो उसे पॉजिटिव लेना चाहिए।
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PH स्केल से आप क्या समझते है ।
Ph स्केल 0 से 14 के स्केल को कहते है। 7 को हम pH न्यूट्रल कहते है। पानी का pH 7 के आस पास होता है, इसलिए पानी को हम pH न्यूट्रल कहते है। pH न्यूट्रल प्रोडक्ट को हम हाइजीनिक कहते है, यानी स्वास्थ के लिए अच्छा होता है। 7 से नीचे को हम एसिडिक कहते है, 0 सबसे अधिक एसिडिक होता है और 14 सबसे अधिक एल्कलाइन होता है।
दूध, मटन, अंडा, मछली, जंक और फ़ास्ट फ़ूड, शुगर, कार्बोहाइड्रेट्स, हमारे भोजन को एसिडिक बनाता है।
एसिडिक प्रोडक्ट का शरीर मे साइड इफ़ेक्ट होता है। हम जब अपने खाने में तेल का अधिक उपयोग करते है, तो हमारा भोजन एसिडिक हो जाता है। सब्जियां , फल हमारे भोजन को एल्कलाइन बनाने में मदद करते है।
FREE RADICALS और एंटीऑक्सीडेंट ।
हमारे शरीर में खरबों कोशिकाएं होती हैं। इन कोशिकाओं को पोषण की कमी और संक्रमण का ही खतरा नहीं होता, बल्कि फ्री रेडिकल्स भी कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। फ्री रेडिकल्स र दूसरे अणुओं से इलेक्ट्रॉन चुराने की कोशिश करते हैं, जिससे डीएनए और दूसरे अणुओं को नुकसान होता है और फलस्वरूप खतरनाक बीमारियां जन्म लेती हैं।
दरअसल, जब शरीर में भोजन ऊर्जा में बदल रहा होता है, तब इस प्रक्रिया में कुछ फ्री रेडिकल्स, उप-उत्पाद के रूप में निकलते हैं। इसके अलावा कुछ फ्री रेडिकल्स शरीर में पहले से ही मौजूद होते हैं। कुछ हमारे आसपास के वातावरण में होते हैं।
ये फ्री रेडिकल्स अलग-अलग आकार और रासायनिक संगठन के होते हैं, जो हमारी कोशिकाओं को नष्ट करके हृदय रोग, कैंसर और दूसरी बीमारियों की आशंका बढ़ा देते हैं। ऐसे में एंटी-ऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल के प्रभाव से कोशिकाओं को बचाते हैं।
इसलिए सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि आहार में एंटी-ऑक्सीडेंट्स शामिल हों। ये एंटी-ऑक्सीडेंट हमारे शरीर से फ्री रेडिकल्स को नष्ट करते हैं, जिससे इम्यूनिटी मजबूत होती है और ये हमें हार्ट प्रॉब्लम , डाइबिटीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचाते हैं।
ताजे फल-सब्जियों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स तत्व सबसे अधिक होते हैं।
ताजे फल-सब्जियों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स तत्व सबसे अधिक होते हैं।
आधुनिक जीवन शैली का तातपर्य क्या होता है। चरणबद्ध तरीके से समझाये।
पहले के जीवन मे और वर्तमान के जीवन मे बहुत बड़ा फर्क आ चुका है। पहले हर घर के पीछे छोटा सा बगीचा हुआ करता था, साग सब्जियां वही उगाया जाता था। पहले जैविक खेती ही हुआ करती थी। जैसे जैसे आबादी में वृद्धि हुई , उसी अनुपात में अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए पूरे खेती के प्रणाली में बदलाव आ चुका है। शक्तिशाली रासायनिक यूरिया, पेस्टिसाइड, इत्यादि आज कृषि प्रणाली की आम बात है। खाने से ही हमारे शरीर मे विभिन्न प्रकार की बीमारी पैदा हो रही है। व्यायाम लगभग गायब हो चुका है। मैदान का खेल कूद बहुत कम हो चुका है, मोबाइल हमारे मनोरंजन का केंद्र बन चुका है।
आधुनिक जीवन शैली को हम निम्न बिंदु पर समझ सकते है।
सिडानटरी लाइफ स्टाइल,
जंक फूड और फ़ास्ट फ़ूड,
रेफ्रिजरेशन ,
ओवर कुकिंग,
प्रदूषण
रासायनिक खेती,
सिंथेटिक दवाइयां ...
सिडेंटरी जीवन शैली : सुस्त जीवन शैली
जब हम व्ययाम करते हैं तो पसीने के रूप में हमारे शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन होता है, पूरे केमिकल्स बाहर हो जाते है। मेटाबोलिक रेट नार्मल रहता है। जब हम व्यायाम नही करते है, तो हमारा शरीर का मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है, और हमारे शरीर में फैट्स स्टोर होने की परिक्रिया बढ़ जाता है। मोटापा, या ओबेसिटी आज एक सामान्य बात हो गयी है।
व्यायाम न करने से, एवम टेक्नोलजी का अधिक से अधिक उपयोग करने से हमारा जीवन सिडेंटरी होता जा रहा है। हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता जाता है। बीमारी की सम्भावना बढ़ जाती है, जब हम व्यायाम नही करते है। सिडेंटरी जीवन में बीमारी की सम्भावना दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।
जंक और फ़ास्ट फ़ूड :
से हमे ऊर्जा तत्काल मिल जाता है, पर पोषक तत्व नही मिलता। अगर फ़ास्ट और जंक फूड की आदत लग गयी तो हमारे शरीर का इम्मयून सिस्टम कमज़ोर होता जाएगा। अदृश्य दुश्मन जिसे हम बैक्टीरिया और वायरस कहते है, हवा और पानी मे होते है, हर दिन उनका सामना हमारे इम्यून सिस्टम से होता है। अगर हमारा इम्मयून सिस्टम कमज़ोर होगा तो हम बीमार पड़ जाते है। शरीर मे डिसऑर्डर पैदा होगा।
रेफ्रिजरेशन :
खेत से खाद्यपदार्थ सीधा देश के बड़े बड़े कोल्ड स्टोरेज में पहुँचता है। फिर कोल्ड स्टोरेज से हमारे बाजार में, फिर बाजार से हमारे घर के कोल्ड स्टोरेज में। रेफ्रिजरेशन से हमारे पोषक तत्व नष्ट हो जाते है। हमे भोजन तो मिलता है, पर उस भोजन में पोषक तत्व गायब है। पोषक तत्व की कमी यानी हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता की कमी या इम्यून सिस्टम प्रति दिन हमारा कमज़ोर होता जा रहा है।
ओवर कुकिंग :
आज प्रेशर कुकर में खाना बनाना सामान्य बात है। प्रेसर भोजन के पोषक तत्व को नष्ट कर देता है। प्रेशर की सिटी पोषक तत्व नष्ट होने का संकेत है। आज टेस्ट इस तरह हावी हो गया है की हमे प्राकृतिक टेस्ट भूल से गए है। तेल का उपयोग हमारे भोजन को अम्लीय बनाता है। ज्यादा अम्लीय भोजन, हमारे शरीर में अधिक फ्री रेडिकल्स पैदा करता है, और हमारे कोशिकाएं की क्रिया में बिगाड़ पैदा होता है। हर 2 लेडी में एक लेडी आपको अनेमिक मिलेगी, यानी हीमोग्लोबिन की कमी पाई जा रही है। हमारे बीमारी का मुख्य कारण हमारा किचन बन चुका है।
इसलिए स्वस्थ और टेस्टी भोजन के लिए हमे जीरो आयल कुकिंग की तरफ लौटना पड़ रहा है।
प्रदूषण :
प्रदूषण आज सामान्य बात है। कोयला उद्योग हो, पावर प्रोजेक्ट, या स्टील उद्योग, या सीमेंट उद्योग या फिर ऑटो मोबाइल्स उद्योग। टू व्हीलर , फोर व्हीलर, या और भी बड़ी गाड़िया की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। प्रदूषण बढ़ रहा है, प्रदूषण से फ्री रेडिकल्स की मात्रा वायु मंडल में बढ़ती जा रही है। फ्री रेडिकल्स कोशिकाएं का कार्य में व्यवधान पैदा होता। जिसके वजह से बहुत सी डिजेनेरेटिव बीमारियां हमारे शरीर में पैदा हो रहा है, जैसे डायबिटीज, कार्डियो वस्क्युलर बीमारियां, थयोरोइड,कैंसर वगैरह वैगरह। हम अपना बचाव किस प्रकार कर सकते है, ये बहुत बड़ा सवाल हमारे जीवन में खड़ा है।
रासायनिक खेती :
रसायनिक खेती आज सामान्य बात है। हमारा भोजन विषैला होता जा रहा है। रासायनिक यूरिया की मात्रा हर साल बढ़ता जा रहा है, जमीन बंजर होती जा रही है। केचुए खेत में नज़र नही आ रहे है। शक्तिशाली कीटनाशक का उपयोग दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। हमे टमाटर तो मिल रहा है, पर टमाटर का पोषक तत्व गायब है, हमे खीरा तो मिल रहा है पर पोषक तत्व गायब है, केला हो या आम इसे कार्बाइड से पकाया जा रहा है। जैविक खेती बहुत महंगी है, और हमे हमारे खाने में जहर परोसा जा रहा है। फ्री रेडिकल्स हमारे सेल की क्रिया को नष्ट कर रहे है। हमारा इम्यून सिस्टम दिन पर दिन कमज़ोर होता जा रहा है। हम सभी को इस समस्या का विकल्प ढूंढना ही है। आगे मैं इसी पर बात करने जा रहा हूँ।
सिंथेटिक दवाइयां :.....
हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है, इसका प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। जिसके वजह से तरह तरह की बीमारी हमारे शरीर मे पैदा हो रहा है। दवा खाते है, किसी एक बीमारी को ठीक करने के लिए और हमे दूसरी बीमारी हो जाती है। लोग अस्पताल का चक्कर काट काट के परेशान हो चुके है। लोग कहते पाए गए है, भगवान किसी को ये बीमारी न दे, किसी को अस्पताल के चक्कर में न फसाए। सिंथेटिक दवाइया की सुपाच्यता बहुत कम होती है, इसलिए ये दवाइयां हमारे शरीर में टॉक्सिन्स बहुत पैदा करती है, ये टॉक्सिन्स शरीर से बाहर नही हो पाया नो हमारे कोई दूसरी बीमारी की सम्भावना बढ़ जाती है।
इसलिए NUTRILITE कम्पनी ने दुनिया को स्वस्थ रहने के लिए एक गाईड लाइन दिया है।
ताकि हम पूरे तरीके से स्वस्थ रह सके। उस गाईड लाइन को हम ...EARN कहते है। एक्सरसाइज, ऐटिटूड, रेस्ट और नुट्रिसन यानि संतुलित आहार ये हमारी रोज की आदत में शामिल होना चाहिए।
सवाल : ( इन सवालों का जवाब लिख कर अपना नोट्स तैयार कर ले )
1. हमारे शरीर का सबसे छोटा यूनिट क्या होता है।
2. शरीर की संरचना के बारे में समझाये।
3. शरीर की किस हिस्से को पावर हाउस कहा जाता है।
4. मेटाबॉलिज़्म से आप क्या समझते है।
5. हमारे शरीर का एंडोक्राइन सिस्टम क्या है।
6. हार्मोनल डिसआर्डर का मुख्य कारण क्या होता है।
ताकि हम पूरे तरीके से स्वस्थ रह सके। उस गाईड लाइन को हम ...EARN कहते है। एक्सरसाइज, ऐटिटूड, रेस्ट और नुट्रिसन यानि संतुलित आहार ये हमारी रोज की आदत में शामिल होना चाहिए।
सवाल : ( इन सवालों का जवाब लिख कर अपना नोट्स तैयार कर ले )
1. हमारे शरीर का सबसे छोटा यूनिट क्या होता है।
2. शरीर की संरचना के बारे में समझाये।
3. शरीर की किस हिस्से को पावर हाउस कहा जाता है।
4. मेटाबॉलिज़्म से आप क्या समझते है।
5. हमारे शरीर का एंडोक्राइन सिस्टम क्या है।
6. हार्मोनल डिसआर्डर का मुख्य कारण क्या होता है।
7. दुःख और तनाव को हम पॉजिटिव किस तरह ले सकते है।
8. PH स्केल से आप क्या समझते है ।
9. फ्री रेडिकल से आप क्या समझते है। 10. एंटी -ऑक्सीडेंट से आप क्या समझते है।
11. एंटी-ऑक्सीडेंट्स तत्व सबसे अधिक कहा पाए जाते है।
12. आधुनिक जीवन सैली से आप क्या समझते है।
13. सेडेंटरी जीवन सैली से आप क्या समझते है।
14. जंक और फ़ास्ट फ़ूड से आप क्या समझते है।
15. रेफ्रिजरेशन स्व पोषक तत्व का क्या संबंध होता है।
16. ओवर कुकिंग से पोषक तत्व का क्या संबंध होता है।
17. प्रदूषण हमारे जीवन सैली को किस तरह प्रभावित करता है।
18. रासायनिक खेती हमारे भोजन को किस तरह प्रभावित कर रहा है।
19. सिंथेटिक दवाइया हमारे स्वास्थ को किस तरह प्रभावित कर रहा है।
20. नुट्रिलाइट कम्पनी स्वस्थ रहने के लिए दुनिया को क्या गाइड लाइन दिया है।
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