DIABETESE TYPE 1 & TYPE 2
हमारा सेल , हमारे शरीर का पावर हाउस होता है ।
सारी शरीर की ऊर्जाए सेल में ही तैयार होती है।
हम जो खाना खाते है, वो ब्लड में ..ग्लूकोज़ के रूप में आता है, और ये ग्लूकोज़ सेल के अंदर ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है ..इसे हम मेटाबोलिज्म कहते है।
सारी शरीर की ऊर्जाए सेल में ही तैयार होती है।
हम जो खाना खाते है, वो ब्लड में ..ग्लूकोज़ के रूप में आता है, और ये ग्लूकोज़ सेल के अंदर ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है ..इसे हम मेटाबोलिज्म कहते है।
डायबिटीज की बीमारी लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर है। जब हमारी दिनचर्या और खान पान गड़बड़ होता है, तो इसे लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर कहा जाता है। लेट सोने की आदत, सुबह लेट उठने की आदत, अधिक से अधिक कंप्यूटर या मोबाइल पर बिताना, ये सब जीवन शैली का डिसऑर्डर है, जिसके वजह से बहुत सारी बीमारियां मानव शरीर मे जन्म ले रही है।
जिस किसी व्यक्ति का लाइफस्टाइल गड़बड़ रहता है, उसे डायबिटीज हो सकता है।
डायबिटीज दो प्रकार का होता है ..
Type 1 और Type 2
Type 1 डायबिटीज ..
टाइप 1 डायबिटीज में हमारा पैंक्रियास इन्सुलिन नही बना रहा होता है। इसलिए हमें बाहर से इन्सुलिन का इंजेक्शन लेना पड़ता है। इसे ठीक करना मुश्किल होता है।
ऐसी स्थिति में हम इन्सुलिन का इंजेक्शन को लगातार लेने की सलाह पर कायम रहते है और साथ ही साथ स EARN प्रिंसिपल को फॉलो करते रहने की सलाह देते है।
PDO , नेचुरल B, फाइबर लेने की सलाह देते है।
ऐसी स्थिति में हम इन्सुलिन का इंजेक्शन को लगातार लेने की सलाह पर कायम रहते है और साथ ही साथ स EARN प्रिंसिपल को फॉलो करते रहने की सलाह देते है।
PDO , नेचुरल B, फाइबर लेने की सलाह देते है।
Type 2 डायबिटीज ..
मेटाबोलिज्म प्रॉब्लम है। हम जो भोजन लेते है, वो ग्लूकोज में परिवर्तित हो कर ब्लड में आता है, और फिर सेल के डिसऑर्डर के कारण , ग्लूकोस सेल के अंदर न जाकर , वापस खून की नली, आर्टरीज में ही रह जाता है, जिससे हमारा शुगर लेवल हाई हो जाता है।
शुगर हाई होना, घातक हो सकता है, आंख की रोशनी जा सकती है, किडनी खराब हो सकता है ..इत्यादि।
शुगर हाई होना, घातक हो सकता है, आंख की रोशनी जा सकती है, किडनी खराब हो सकता है ..इत्यादि।
गलत लाइफस्टाइल के कारण टाइप 2 डायबिटीज हमारे शरीर मे उतपन्न हो जाता है।
इसे लाइफस्टाइल ठीक कर के सन्तुलित किया जा सकता है।
Excercise करने से हमारा मेटाबोलिज्म ठीक हो सकता है। बराबर सही न्यूट्रिशन लेने से मेटाबोलिज्म ठीक हो जाता है। क्योंकि टाइप 2 डायबिटीज लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर है, इसलिए हमें EARN सिद्धान्त पर आदत को बनाना होगा।एक्सरसाइज , अटटीटूड , रेस्ट और संतुलित आहार, हमारे शरीर के मेटाबोलिज्म को संतुलित बनाएं रखने में मदद करता है।
अगर आपका मेटाबोलिज्म स्लो है, तो आपके शरीर मे फैट्स ज्यादा गति से बनते रहता है।
मोटे व्यक्ति का मेटाबोलिज्म स्लो होता है, उसे नार्मल करने के लिए व्यायाम करना ज़रूरी है और PDO, नेचुरल B, फाइबर लेना सबसे ज़रूरी है।
मोटे व्यक्ति का मेटाबोलिज्म स्लो होता है, उसे नार्मल करने के लिए व्यायाम करना ज़रूरी है और PDO, नेचुरल B, फाइबर लेना सबसे ज़रूरी है।
मेरी शुभकामनाये।
अब रुकना नहीं है।
सवाल : ( इन सवालों का जवाब लिख कर अपना नोट्स तैयार कर ले )
1. हमारे शरीर का पावर हाउस किसे कहा जाता है।
2. मेटाबोलिज्म किसे कहते है ।
3. लाइफस्टाइल डिसऑर्डर किसे कहा जाता है।
4. बहुत सारी बीमारियां मानव शरीर मे जन्म क्यो ले रही है।
5. डायबिटीज कितने प्रकार की होती है। और इसे विस्तार से समझाये।
6. टाइप 2 डायबिटीज हमारे शरीर मे क्यो जन्म लेता है।
7. हम अपने शरीर का मेटाबोलिज्म किस प्रकार ठीक कर सकते है।
8. EARN सिद्धान्त से आप क्या समझते है। इसके पालन से हमे किस प्रकार का लाभ मिलता है।
9. अगर मेटाबोलिज्म स्लो होता है, तो हमारे शरीर मे इसका क्या असर पड़ता है।
10. मेटाबोलिज्म को नार्मल रखने के लिए हमे कौन सा पोषक तत्व का सेवन करना चाहिए।
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