Friday 3 March 2017

SOFT SKILL HINDI

हमारे बिज़नेस का सॉफ्ट स्किल : एडिफिकेशन , नो क्रॉस लाइनिंग , काउंसलिंग 

दोस्तों नमस्कार, 

सबसे पहले मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ, आज के इस महान अवसर के लिए। 
आज के PASE ( PRODUCT & SYSTEM EDUCATION ) मिटिंग में आपका स्वागत है।
आज का मेरा विषय है सॉफ्ट स्किल  सॉफ्ट स्किल , एक ऐसा स्किल होता है जो सामन्य रूप से नज़र नहीं पड़ता है , अनदेखा रह जाता है  पर बिज़नेस टीम बनाने के लिए बहुत ज़रूरी होता है ।

ये तीन सॉफ्ट स्किल को हम एडिफिकेशन, नो क्रॉस लाइनिंग , और काउंसलिंग कहते है 

एडिफिकेशन :

एडिफिकेशन का मतलब दुसरो के अंदर अच्छाई  देखना।  लोगो के अंदर अच्छाई देखने से , आपस में परस्पर विश्वास बढ़ता है, प्यार बढ़ता है। 
जब आप किसी को एडिफाई  करते है तो उसकी फीलिंग आप के प्रति बहुत अच्छी हो जाती है, काम में मज़ा आने लगता है।  एडिफिकेशन से लोगो की क्षमता बढ़ती है।  
एडिफिकेशन के महोल में ही बड़ी टीम तैयार हो जाती है। बातो की  काट छांट करने वाले लोग 10 - 20 लोगो की टीम तो बना लेते है, पर 200 या 500 लोगो की टीम बनाने के लिए संघर्ष कर रहे होते है। 

दोष और गुण के आधार पर लोगो का अवलोकन नहीं करना है। सभी को साथ में लेकर चलना हमारा उदेश्य होता है। 
  ये स्वीकार करना की लोगो के अंदर कमिया भी होती है, और अच्छाई भी होती है। हमारा लक्ष्य लोगो को साथ ले कर चलना। कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता है , न ही हम बन सकते है। Mr Perfect की कल्पना हमे कभी नहीं रखना चाहिए।  दुनिया में कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता है। हर दिन नई गलतिया करना और सुधार लाना , इसे ही लीडरशिप कहते है।

दूसरे के महत्व को बढ़ाना। दुसरो को महत्वूर्ण होने की फीलिंग कराना , एक सफल व्यक्ति की पहचान होती है। अगर हमे एक बड़ी टीम का निर्माण करना है, तो एडिफिकेशन का महौल टीम के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना हमारी लीडरशिप की जिम्मेवारी है। 
हर जगह इस कल्चर की आज ज़रुरत है।

घर में मां बच्चो के सामने उनके पिता को एडिफाई करे।

बाप, ध्यान रखे बच्चो के सामने उनकी माँ को एडिफाई करे।


इस माहौल में पूरे परिवार में जबरदस्त एकता बनी रहती है।

दुनिया में हर जगह उसी टीम का बोलबाला है जहाँ एडिफिकेशन का कल्चर बना हुआ है। 
जहाँ लोग एक दूसरे की इज़्ज़त करते है। दूसरे का महत्व को बढ़ाने का काम करते है। उसी टीम में एकता बनी रहती है। 
बड़ी टीम बनाने का सीक्रेट है एडिफिकेशन , जिस टीम में जितना अधिक एडिफिकेशन होता है, उस टीम में उतनी बड़ी सफलता होती है ।

आप ध्यान दीजिए आज सबसे ज्यादा सफलता  कहां है, जहाँ सबसे ज़्यादा एडिफिकेशन कल्चर है।
फिल्म इंडस्ट्री में लोग एक दूसरे का तारीफ करते पाए जाते है, और आम जनता टीवी के सामने बैठ कर उसे निहारती रहती है। तालियां बजती है, खुशियाँ मनाती है |

क्रिकेट की दुनिया  में कमेंटेटर, खिलाडी एक दूसरे की तारीफ पर अपना फोकस बनाये रखते है और समाज पर और अपने दर्शको पर जबरदस्त प्रभाव बनाते है |

तीसरा बड़ी इंडस्ट्री डायरेक्ट सेल्लिंग इंडस्ट्री, जहाँ आपको एडिफिकेशन का महत्व सिखाया जाता है। जिस टीम ने ये कल्चर अपने टीम में सिखाने में सफल हो गया, उसका डंका पुरे भारत में बज रहा है।

अपलाइन का एडिफिकेशन :

जब आप अपने अप लाइन का एडिफिकेशन करते है , तो आप उनके प्रभाव को बढ़ा देते है | और जब उनका प्रभाव बढ़ता है तो वो आपके बिज़नेस में लोगो के बीच प्रभावी साबित होते है | जब आप अपने अप लाइन को सही तरीके से एडिफाई नहीं करते है तो नए लोगो में उनको सुनने का उत्साह पैदा नहीं हो पाता  है ।

अपलाइन को एडिफाई करने का एक उदहारण :

कुछ इस तरह आप अपने अप लाइन को एडिफाई कर सकते है । आप हमारे मेंटर है, मेरे गुरु है , जो कुछ भी मैं बिज़नेस में सीख रहा हूँ , सब आपकी संगत की वजह से ।
आप एमवे और ब्रिट बिज़नेस  के बहुत ही पावरफुल लीडर है, बहुत बड़ी टीम आपकी  है।
बहुत ही सिंपल और मिलनसार है। अपने बिज़नेस टीम को परिवार का प्यार देते है, और  हज़ारो लोग पुरे भारत में इनके फॉलोवर है।
हम लोग बहुत लकी है कि आपका समय और संगत , आपका मार्गदर्शन हमे उपलब्ध होता है । 
अपने अप लाइन का जितना एडिफिकेशन करेगे, उतनी लम्बी चौड़ी टीम आपकी बनकर तैयार होगी।

अपलाइन को जब टीम में लोग 
एडिफाई करे तो उन्हें  क्या करना चाहिये :

अप लाइन को बस इतना ध्यान रखना है, अगर आपको डाउन लाइन एडिफाई कर रहा है तो आप उसमे झूलना शुरू न कर दे बल्कि वापस अपने डाउन लाइन को अपने प्रभाव का लाभ पहुँचाये।
  
जब आपको आपका डाउन लाइन एडिफाई करता है , तो इसकी जिम्मेवारी आपको समझनी है । आप अपने स्पीच पैटर्न को हर दिन बेहतर से बेहतर करते रहे । सीडी और किताबो की संगत में अपने आप को बनाये रखे , और आप अपने अप लाइन से हमेशा काउंसलिंग में बने रहे।  
ऊर्जा का प्रवाह हम सभी को काउंसलिंग से ही प्राप्त होती है। 
जब आप अपने अप लाइन को एडिफाई करते है तो आप उनसे काउंसलिंग भी करते है। जब आप अपने अप लाइन से काउंसलिंग नहीं करते है यानि आप उनको एडिफाई नहीं करते है ।
ये एडिफिकेशन कल्चर बड़ी टीम बनाने में सहयोगी होता है।
एक दूसरे की ताकत बने, हर स्तर पर चाहे घर में पति पत्नी हो या अपना परिवार हो या हमारा बिज़नस फॅमिली हो।
अच्छाई देखने और बोलने के कई अदृश्य लाभ है।
मुझे उम्मीद है एडिफिकेशन कल्चर का लाभ आप खुद और अपने पुरे टीम में लोगो को अवश्य पहुचायेंगे।

नो क्रॉस लाइनिंग (  क्रॉस लाइनिंग से आप क्या समझते है )
हमारी अलग अलग सेल्स टीम हमारी डाउन लाइन होती है, पर वे आपस में क्रॉस लाइन होते है।  बिज़नेस का इनकम लाइन ऑफ़ स्पोंसरशिप (LOS ) में ही बटता है। 
क्रॉस लाइन को आर्थिक लाभ नहीं मिलता है , इसलिए दो क्रॉस लाइन को आपस में कभी भी अपनी लिस्ट की चर्चा नहीं करनी चाहिए। 

दूसरी महत्पूर्ण चीज ये होती है की कभी कभी दो क्रॉस लाइन लीडर की एक कॉमन साथी हो सकता है , वैसे स्थिति में जो व्यक्ति पहले प्लान दिखाया है या सम्पर्क किया है, उसे ही अधिकार है उसको अपने बिज़नेस पार्टनरशिप में लाने का। 
जब कभी अप लाइन और डाउन लाइन का कॉमन लिस्ट होता है, तो जो पहले उस नए व्यक्ति तक पहुचता है, और अपने मेंटर से या अप लाइन से उस नए व्यक्ति को मिलाता है, वो उसी का प्रॉस्पेक्ट होता है। 
अप लाइन ये नही कह सकता, की तुम मेरे लिस्ट में क्यो मिल रहे है । अगर आप की लोगो से मिलने की स्पीड कम है, तो डाउन लाइन किसी भी लिस्ट में मिलने के लिए स्वतंत्र है। 
पर कभी कभी सम्पर्क में आने के बाद भी कोई व्यक्ति आपके प्रभाव में नहीं आ रहा है , और महीनो उसके साथ ज्वाइन नहीं कर रहा है , वैसे स्थिति में , कोई दूसरा उसके सम्पर्क में आ जाता है और ज्वाइन करा लेता है तो पहले वाले व्यक्ति को किसी प्रकार का मनमुटाव नहीं पालना चाहिए। 

हर व्यक्ति स्वतंत्र है निर्णय लेने के लिए , और उसके निर्णय का सम्मान होना चाहिए।  दो ADS किसी एक व्यक्ति के लिए आपस में मनमुटाव पैदा करते है तो हमारे बिज़नेस के लिए ये अच्छी बात नहीं है। 
क्रॉस लाइनिंग करना , या ऐसा विचार अपने अंदर लाना , एक कमज़ोर लीडर की पहचान है। 

काउंसलिंग : 
काउंसलिंग हमारे बिज़नेस में एक विशेषाधिकार है, बहुत बड़ा अवसर है जो हमे अपने मेंटर से सम्पर्क में रहने की सलाह देता है । 
काउंसलिंग का अवसर सामन्य बिज़नेस में उपलब्ध नहीं होता है । 

जब हमे बिज़नेस में कुछ समझ में न आये या मुश्किल लगे, या मन मुताबिक परिणाम न मिले , इसका मतलब हमे अपने मेंटर की काउंसलिंग की ज़रूरत है । सफलता की यात्रा में अगर एक व्यक्ति भी आपका मनोबल बढ़ाने के लिए उपलब्ध होता है, तो काम मनोरंजक  हो जाता है।

काउंसलिंग से पहले हमे क्या तैयारी करनी चाहिए :

काउंसलिंग हमेशा गोल को लिखने के बाद ही अपने मेंटर के साथ बैठे। 
गोल को लिख ले , अपने बिज़नेस का स्ट्रक्चर बना ले । उसके बाद ही आप अपने मेंटर के पास काउंसलिंग के लिए बैठे । 
अगर बिना रिटेन गोल के आप काउंसलिंग के लिए बैठ रहे है तो आप दोनों का समय बर्बाद होगा और परिणाम जो चाहते है , वो नहीं मिल पायेगा ।

कॉउंसलिंग से टीम में यूनिटी पैदा होता है । परस्पर बड़े बिज़नेस का विश्वास पैदा होता है । मेंटर के साथ अच्छा रिलेशनशिप बनता है । 

आप का बहुत बड़ा बड़ा एमवे बिज़नस हो। आने वाले कुछ वर्षों में भारत के हर ज़िला में आपका बिज़नस हो , आपका सम्मान आपकी इज़्ज़त प्रदेश , पुरे देश और अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हो।

इन्ही बातों के साथ में अपनी बाते समाप्त करता हु।

मेरी शुभकामनाये।

अब रुकना नही है।

सवाल :

1. सॉफ्ट स्किल से आप क्या समझते है । हमारे बिज़नेस में ये क्यों ज़रूरी होता है ।
2. एडिफिकेशन से आप क्या समझते है ।
3. MR. परफेक्ट से आप क्या समझते है ।
4. माँ बाप को बच्चों के सामने एक दूसरे को क्यों एडिफाई करना चाहिए।  
5. बड़ी टीम बनाने का सीक्रेट क्या है । 
6. एडिफिकेशन कल्चर किस किस क्षेत्र में देखने को मिलता है । 
7. अपलाइन का एडिफिकेशन एमवे बिज़नेस में क्यों ज़रूरी है ।
8. अप लाइन को एडिफाई करने का एक उदहारण दे। 
9. डाउन लाइन जब अप लाइन को एडिफाई करता है तो उसे क्या करना चाहिए ।
10. क्रॉस लाइनिंग से आप क्या समझते है ।
11. लिस्ट की चर्चा दो क्रॉस लाइन को आपस में क्यों नहीं करना चाहिए ।
12. आपके लिस्ट के व्यक्ति को अगर कोई पहले प्लान दिखा दे तो आपको क्या करना चाहिए। 
13. काउंसलिंग से आप क्या समझते है, हमारे बिज़नेस में ये क्यों ज़रूरी है ।
14. कॉउन्सिलिंग के लिए जब हम अपने अप लाइन के साथ बैठते है तो हमे पहले से  क्या तैयारी करनी चाहिए ।

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